मानसून 2025 के आगमन को लेकर चर्चा छिड़ गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भी मानसून को लेकर अपडेट जारी कर दिया है। IMD प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि मानसून को लेकर खुशखबरी है। इस बार मानसून खूब बरसेगा। जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर में दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है।
मानसून सीजन में 103 से 105 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है। अगर भविष्यवाणी सही साबित हुई तो लगातार 10वें साल मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून से पहले भारत में एंट्री कर सकता है और 30 सितंबर तक बरसेगा। इस बार सामान्य बारिश होने की संभावना 40 प्रतिशत है। सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना 30 प्रतिशत है और भारी बारिश होने की संभावना 10 प्रतिशत है।
यह भी पढ़ें:सुनामी को लेकर डरावनी भविष्यवाणी; जापानी बाबा वेंगा ने साल 2025 के लिए की Prediction
इन राज्यों में बरसेंगे बादल
IMD के अनुसार, जून महीने में 165.3 मिमी 96% बारिश हो सकती है। केरल, कर्नाटक, कोंकण, गोवा में जून महीने में सामान्य से ज्यादा बादल बरस सकते हैं। मध्य भारत में सामान्य बारिश होने के आसार हैं। उत्तर भारत में मानसून इस बार देरी से दस्तक देगा।
जुलाई में 280.5 मिमी 102% बारिश होने का अनुमान है। इस महीने में पश्चिमी भारत सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है।
अगस्त में 254.9 मिमी 108% बारिश हो सकती है। मध्य भारत और पूर्वोत्तर के सभी 8 राज्यों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। अगस्त महीने में उत्तर भारत और दक्षिण भारत में सामान्य बारिश हो सकती है।
सितंबर में 167.9 मिमी 104% बारिश होने का अनुमान है। सितंबर महीने में पश्चिमी भारत और मध्य भारत में भारी बारिश हो सकती है।
यह भी पढ़ें:खतरनाक सौर तूफान, 430000 मील रफ्तार…अंतरिक्ष में नासा के स्पेसक्राफ्ट का गजब का कारनामा
4 महीनों में इन राज्यों में बरसेंगे बादल
IMD के अनुसार, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सामान्य से लेकर सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, तमिलनाडु, बिहार और पूर्वोत्तर के सभी 8 राज्यों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।
क्यों होगी सामान्य से ज्यादा बारिश?
IMD के अनुसार, इस बार मानसून सीजन में अल नीनो की स्थिति नहीं बनेगी। उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया में जनवरी से मार्च महीने के बीच कम बर्फबारी हुई। इसलिए मानसून में सामान्य से ज्यादा बारिश होने के आसार हैं। अल नीनो और हिंद महासागर डायपोल (IOD) का असर भी मानसून पर पड़ता है। इस बार यह दोनों स्थितियां न्यूट्रल हैं। इसलिए इस बार मानसून सीजन काफी अच्छा रहेगा।
यह भी पढ़ें:पृथ्वी-ब्रह्मांड के अंत की कहीं ये शुरुआत तो नहीं! पढ़ें वैज्ञानिकों की नई रिसर्च