Mohan Bhagwat first reaction on Lok Sabha Election 2024: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि मणिपुर पिछले एक साल से शांति की राह देख रहा है। बीते 10 साल से प्रदेश में शांति थी लेकिन अचानक वहां गन कल्चर बढ़ गया है। इस दौरान उन्होंने चुनाव को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चुनाव में मुकाबला जरूरी होता है लेकिन मुकाबला झूठ पर आधारित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ चुनाव नतीजों के विश्लेषण में नहीं उलझता है। चुनाव खत्म होने के बाद बाहर का माहौल अलग है। नई सरकार भी बन गई है। लोगों ने जो जनादेश दिया है सब कुछ उसी के अनुरूप होगा।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सोमवार को नागपुर में संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग के समापन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने चुनाव नतीजों और राजनीतिक दलों के रवैये को लेकर बात की। भागवत ने कहा कि संसद में जाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर आम सहमति बनाना जरूरी होता है। हमारी परंपरा आम सहमति विकसित करने की है। उन्होंने कहा कि किसी भी सिक्के के दो पहलू होते हैं। जो लोग कड़ी प्रतिस्पर्धा केे बाद इस दिशा में आगे बढ़े हैं तो उनके बीच सहमति बनाना मुश्किल है। पूरी प्रतिस्पर्धा ही बहुमत के लिए है। हमारे यहां पिछले दिनों चुनाव ऐसे लड़ा गया है जैसे कोई युद्ध हो। जिस प्रकार की चीजें हुई उससे समाज में सामाजिक और मानसिक दरारें बढ़ेंगी।
#WATCH | Nagpur, Maharashtra: RSS chief Mohan Bhagwat says, “…Elections are an essential process of democracy. Since there are two sides in it there is a contest. Since it is a contest efforts are made to take oneself forward. But there is a dignity to it. Lies should not be… pic.twitter.com/cIjAtvkdTB
— ANI (@ANI) June 10, 2024
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मोहन भागवत ने कहा कि चुनावों के दौरान अनावश्यक रूप से आरएसएस जैसे संगठन को शामिल किया गया। तकनीक का उपयोग कर झूठ फैलाया गया। क्या तकनीक और ज्ञान का मतलब एक ही है? उन्होंने कहा कि काम करें लेकिन अहंकार नहीं पालें। 10 साल एनडीए ने अच्छा काम किया लेकिन अभी भी कई चुनौतियां बरकरार हैं।
चुनाव में जो हुआ जनता का दिया हुआ फैसला है,संघ सिर्फ जनता को जागृत करने का काम करता है। इससे ज्यादा चुनाव से संघ का कोई लेना देना नहीं।
हजारों वर्षों के पाप को साफ करना पड़ेगा
भागवत ने कहा कि हजारों वर्षों से जो पाप हमने किया उसको साफ तो करना ही पड़ेगा। आपस में मिल जुलकर रहना चाहिए। रोटी-बेटी सभी प्रकार के व्यवहार होने दो। लेकिन जो बाहर की विचारधारा आई उनकी प्रकृति ऐसी थी। हम ही सही है बाकी सब गलत है यह नहीं होना चाहिए। इसको ठीक करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ये विचार आध्यात्मिक नहीं है। विचारधाराओं में जो अध्यात्म है उसको पकड़ना पड़ेगा। पैंगबर साहब के इस्लाम और ईसा मसीह की ईसाइयत को हमें समझना पड़ेगा। भगवान ने सबको बनाया है।
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