भारत में आधार कार्ड आजकल एक जरूरी दस्तावेज बन गया है। आधार कार्ड के बिना कोई भी काम नहीं किया जा सकता है। चाहे बच्चे का एडमिशन हो या फिर किसी अन्य आईडी बनाने जैसे दूसरे काम करने हो, हर जगह आधार की जरूरत पड़ती है। जब बच्चों के स्कूल में एडमिशन की बात आती है तो पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी आधार कार्ड की जरूरत होती है। आधार कार्ड के आधार पर ही बच्चों की अपार आईडी (APAAR ID ) बनाई जाती है, जिसे सभी स्कूलों ने जरूरी कर दिया है। ऐसे में बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के लिए सरकार ने नए निर्देश जारी किए हैं।
बच्चों के आधार को लेकर नया अपडेट
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बच्चों के आधार कार्ड से जुड़े नए अपडेट की जानकारी दी है। मंत्रालय ने कहा है कि UIDAI ने 7 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके सभी बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट अनिवार्य करने का निर्देश दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने ऐसे बच्चों जो 7 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके हैं, लेकिन अभी तक आधार में अपना बायोमेट्रिक अपडेट नहीं कराया है। ऐसे बच्चों के लिए अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू) पूरा करने के महत्व पर जोर दिया है। यह आधार के अंतर्गत एक मौजूदा आवश्यकता है और माता-पिता या अभिभावक किसी भी आधार सेवा केंद्र या निर्दिष्ट आधार केंद्र पर अपने बच्चे का विवरण अपडेट कर सकते हैं।’
The Unique Identification Authority of India (UIDAI) has reiterated the importance of completing the Mandatory Biometric Update (MBU) for children who have attained the age of seven but have not yet updated their biometrics in Aadhaar. This is an existing requirement under… pic.twitter.com/PG2OrjEDao
— ANI (@ANI) July 15, 2025
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UIDAI ने माता-पिता और अभिभावकों से की ये अपील
यूआईडीएआई ने माता-पिता और अभिभावकों से बच्चों का आधार अपडेट करने का आग्रह किया है। 5 से 7 साल की उम्र के बच्चों के लिए बायोमेट्रिक्स अपडेट पूरी तरह निःशुल्क है। अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट से स्कूल प्रवेश, प्रवेश परीक्षा, छात्रवृत्ति और डीबीटी के लाभों में मदद मिलती है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने उन बच्चों के लिए अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू) पूरा करने के महत्व पर जोर दिया है, जो 7 साल की उम्र के हो गए हैं, लेकिन अभी तक आधार में अपने बायोमेट्रिक्स अपडेट नहीं करवा पाए हैं।
बच्चे का आधार बायोमेट्रिक्स निःशुल्क
5 साल से कम उम्र का बच्चा फोटो, नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता और प्रमाण के दस्तावेज देकर आधार के लिए एनरोल करवा सकते है। 5 साल से कम उम्र के बच्चे के आधार नामांकन के लिए उसके उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों के बायोमेट्रिक्स नहीं लिए जाते क्योंकि उस उम्र तक ये परिपक्व नहीं होते। मौजूदा नियमों के अनुसार, बच्चे के 5 वर्ष की आयु पूरी होने पर उसके आधार में उंगलियों के निशान, आंखों की पुतली और फोटो का अपडेट अनिवार्य है। इसे पहला अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू) कहा जाता है। यदि बच्चा 5 से 7 वर्ष की आयु के बीच एमबीयू करवाता है, तो यह निःशुल्क होता है, लेकिन 7 वर्ष की आयु के बाद केवल 100 रुपये का निर्धारित शुल्क है।
ऐसा नहीं किया तो आधार हो जाएगा निष्क्रिय
बच्चों के बायोमेट्रिक डेटा की सटीकता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए एमबीयू का समय पर पूरा होना एक अनिवार्य आवश्यकता है। यदि 7 वर्ष की आयु के बाद भी एमबीयू पूरा नहीं किया जाता है तो मौजूदा नियमों के अनुसार आधार संख्या को निष्क्रिय किया जा सकता है।
आधार हर कदम पर जरूरी
अपडेट बायोमेट्रिक्स वाला आधार जीवन को आसान बनाता है और स्कूल में प्रवेश, प्रवेश परीक्षाओं के लिए पंजीकरण, छात्रवृत्ति का लाभ उठाने, डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) योजनाओं आदि जैसी सेवाओं का लाभ उठाने में आधार के निर्बाध उपयोग को सुनिश्चित करता है। माता-पिता और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बच्चों या आश्रितों के बायोमेट्रिक्स को आधार में प्राथमिकता के आधार पर अपडेट करें। यूआईडीएआई ने ऐसे बच्चों के आधार में पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर एमबीयू प्रक्रिया पूरी करने के लिए एसएमएस संदेश भेजना शुरू कर दिया है।
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