Maratha reservation movement in Maharashtra: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन हिंसक होता जा रहा है। राज्य के कई इलाकों से जमकर हिंसा और आगजनी की खबरें आ रही हैं। सोमवार शाम को हिंसा की कई घटनाएं हुईं। कई जगह विधायकों के घरों और दफ्तरों पर हमले किए गए। आंदोलन को तेज होता देख राज्य सरकार भी हरकत में आ गई है। यही वजह है कि आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल से सीएम एकनाथ शिंदे ने मुलाकात की है। इसके बाद जरांगे ने अपना अनिश्चितकालीन अनशन खत्म कर दिया। वे 25 अक्टूबर से आमरण अनशन कर रहे थे। जारांगे ने मराठा आरक्षण की मांगों को लेकर अगस्त के महीने में भी अनशन किया था।
आंदोलन को हिंसक होता देख राज्य सरकार अब बैठकें भी शुरू कर चुकी है। हिंसक प्रदर्शनों की वजह से पुलिस को कई स्थानों पर कर्फ्यू लगाना पड़ा। यहां प्रदर्शनकारियों द्वारा राज्य सरकार की कई बसों को भी नुकसान पहुंचाया गया। इसकी वजह से कई डिपो बंद करने पड़े हैं।
ये भी पढ़ें-Explainer: क्या है चुनावी बॉन्ड और यह कैसे करता है काम? सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर आज है सुनवाई
बीड जिला बना आंदोलन का केंद्र
बीड जिला आंदोलन का केंद्र बन गया है। बीड में इंटरनेट बंद करके धारा 144 लगा दी गई है। जिला प्रशासन ने यहां कर्फ्यू लगा दिया। इसके पहले आंदोलनकारियों ने एसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के घर में आग लगा दी थी। बीजेपी के एक विधायक के दफ्तर पर भी तोड़फोड़ की गई। आंदोलनकारी आरक्षण को लेकर पार्टियों के रुख से नाराज हैं। आरक्षण की वजह से कई जगहों पर सड़क जाम जैसी स्थिति भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया था खारिज
बता दें कि राज्य में मराठों के आरक्षण की मांग लंबे समय से रही है। सरकार ने इसे लेकर पिछले महीने 11 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसके बाद पाटिल ने अनशन खत्म किया था। सीएम शिंदे ने रिटायर्ड जजों की तीन सदस्यीय कमेटी बनाने की घोषणा की है, जो मराठा आरक्षण के आगे के कदम के बारे में सलाह देंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को खारिज कर दिया था।
ये भी पढ़ें-आंध्र प्रदेश के पूर्व CM चंद्रबाबू नायडू को हाईकोर्ट ने दी राहत, 4 हफ्ते की मिली जमानत