कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम नहीं करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में खड़गे ने सरकार पर जनता का शोषण करने का आरोप लगाया और दावा किया कि मई 2014 से कच्चे तेल की कीमतों में 34 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि फ्यूल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
एक्स पोस्ट में क्या लिखा खड़गे ने?
खड़गे ने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘कच्चे तेल की कीमत लगातार लुढ़क रही है लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों को नहीं घटाकर मोदी सरकार जनता को बेधड़क लूट रही है। लंबे-लंबे एकतरफा पॉडकास्ट कर मोदीजी जनता को केवल ‘मन की बात’ सुनाते हैं। तेल के खेल में उलझा कर महंगाई के आंसू रुलाते हैं! मई 2014 से अब तक 34 फीसदी गिरा कच्चा तेल, 10 साल में 36 लाख करोड़ रुपये का टैक्स वसूली खेल! कब होगी पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती, कब तक बटोरती रहेगी भाजपा जनता से फिरौती?’
कच्चे तेल की क़ीमत रही है लगातार लुढ़क,
पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों को न घटा…मोदी सरकार जनता को लूट रही बेधड़क !!
---विज्ञापन---लंबे-लंबे एकतरफ़ा Podcast कर मोदी जी जनता को केवल “मन की बात” सुनाते हैं…
तेल के खेल में उलझा कर महँगाई के आँसू रुलाते हैं !
मई 2014 से अब तक 34% गिरा कच्चा… pic.twitter.com/97COM1X094
— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 17, 2025
हरदीप सिंह पुरी ने तेल से जुड़े नए नियम की सराहना की
इससे पहले केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक 2024 के पारित होने की सराहना की थी। उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून में किए गए ये संशोधन भारत के ऊर्जा क्षेत्र को और मजबूत करेंगे और नीति स्थिरता, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता, विस्तारित पट्टा अवधि आदि सुनिश्चित करेंगे।
घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन को प्रोत्साहित किया
पुरी ने कहा, पहले हमारे तलछटी बेसिन का 10 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र ‘नो गो’ क्षेत्र हुआ करता था। इसलिए हमारी आयात निर्भरता बढ़ती जा रही थी। हमने घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन को प्रोत्साहित करने और उसे बढ़ाने के लिए 35 लाख वर्ग किलोमीटर तलछटी बेसिन में से 10 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को खोल दिया है। इससे संभावित निवेशकों को सकारात्मक संकेत मिले हैं।
खोज व उत्पादन के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया होगी सरल
बता दें कि 12 मार्च को संसद में तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक 2024 पारित कर दिया था। इसका मकसद खनिज तेल उत्खनन के लिए सिंगल परमिट प्रणाली लाने और समग्र ऊर्जा परियोजनाओं का विकास करना है। राज्यसभा बिल को पहले ही मंजूरी दे चुका था। बिल के कानूनी बनने के बाद तेल व गैस की खोज व उत्पादन के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी। निजी और विदेशी निवेश बढ़ेगा। खनन के दैरान पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा।
अंडमान सागर में बड़ी सफलता की उम्मीद : पुरी
यह बिल तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) अधिनियम, 1948 में संशोधन के लिए लाया गया था। इसमें निकासी पट्टा देने, पट्टे पर खनिज तेलों की खोज, उत्पादन करने और इसे व्यापार योग्य बनाने के लिए अहम प्रावधान किए गए हैं। इसमें खनन को पेट्रोलियम पट्टे में बदलने का भी प्रावधान है। इस बिल के बाद भी मौजूदा खनन पट्टे वैध बने रहेंगे। बिल पेश करते हुए पुरी ने कहा था कि भारत में प्रचुर हाइड्रोकार्बन संसाधन हैं और इस बिल के पारित होने के साथ जो इकोसिस्टम बनने वाला है, उसमें भविष्य में अंडमान सागर में खनिज उत्खनन में बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है।