Mahatma Gandhi Law Degee Row: जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने 23 मार्च को ग्वालियर के एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी की डिग्री पर सवाल उठाए थे। इस मुद्दे पर गुजरात के कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया (Arjun Modhwadia) ने मनोज सिन्हा पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस विधायक ने महात्मा गांधी की डिग्री की फोटो कॉपी ट्विट की है। साथ में मनोज सिन्हा का वीडियो भी पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा, ‘यह महोदय जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल हैं। जो सरेआम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की डिग्री को लेकर झूठ फैला रहे है।’
आगे उन्होंने कहा कि झूठ फैलाना भाजपा में पद पाने की प्रमुख लायकात (योग्यता) है। एसा करने पर उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होगी, यह तय है। गांधी जी की डिग्री की कॉपी आप यहां देख सकते हैं।
गुजरात कांग्रेस के नेता अर्जुन मोढवाडिया ने मनोज सिन्हा के बयान के बाद दिखाई महात्मा गांधी की डिग्री
◆ उन्होंने ट्वीट कर मनोज सिन्हा पर झूठ फैलाने के आरोप लगाए @arjunmodhwadia | #ArjunModhwadia pic.twitter.com/GNJsUnJnlw
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मोढवाडिया पोरबंदर से हैं विधायक
अर्जुन मोढवाडिया पोरबंदर से विधायक हैं। वे गुजरात के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा 2004 से 2007 तक उनके पास नेता प्रतिपक्ष का पद भी रहा था। 1993 में राजनीति में आने से पहले वे 10 साल तक बतौर सहायक अभियंता गुजरात समुद्री बोर्ड में थे।
"महात्मा गांधी के पास कोई डिग्री नहीं थी"
◆ जम्मू-कश्मीर के LG @manojsinha_ का बयान #ManojSinha | #MahatmaGandhi pic.twitter.com/fjs32ocxZ8
— News24 (@news24tvchannel) March 24, 2023
मनोज सिन्हा ने पूछा- कौन कहेगा कि गांधीजी पढ़े-लिखे नहीं थे?
दरअसल, 23 मार्च को मनोज सिन्हा ग्वालियर की IMT यूनिवर्सिटी में भाषण देने पहुंचे थे। इसी दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनोज सिन्हा ने पूछा कि कौन कहेगा कि गांधीजी पढ़े-लिखे नहीं थे? ऐसा कहने की हिम्मत किसी में नहीं है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके पास एक भी विश्वविद्यालय की डिग्री या योग्यता नहीं थी। हममें से बहुत से लोग हैं जो सोचते हैं कि महात्मा गांधी के पास कानून की डिग्री थी।
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मनोज सिन्हा ने ये भी कहा कि महात्मा गांधी की एकमात्र योग्यता हाई स्कूल डिप्लोमा थी। उन्होंने कानून का अभ्यास करने के लिए योग्यता प्राप्त की। उनके पास कानून की डिग्री नहीं थी… (लेकिन) जरा देखिए कि वह कितने पढ़े-लिखे थे।
मनोज सिन्हा ने ये भी कहा कि गांधी ने देश के लिए बहुत कुछ किया। लेकिन जो कुछ भी हासिल हुआ, उसका केंद्र बिंदु सत्य था। उनके जीवन के तमाम पहलुओं पर गौर करें तो उनके जीवन में सत्य के अलावा कुछ भी नहीं था। चाहे कितनी भी चुनौतियां हों, महात्मा गांधी ने कभी भी सत्य का परित्याग नहीं किया और अपनी अंतरात्मा की आवाज को पहचाना। नतीजतन, वह राष्ट्रपिता बने।
आखिर क्या है असलियत?
mkgandhi.org पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, महात्मा गांधी ने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) में एडमिशन लिया था। यहां से महात्मा गांधी ने तीन साल में अपनी कानून की डिग्री हासिल की थी। इसके अलावा महात्मा गांधी की लिखी हुई किताब The Law and The Lawyers में महात्मा गांधी के लॉ स्टूडेंट होने का जिक्र है।
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