Leopard Sterilization: भारत में अक्सर जंगली जानवर अपने इलाके से निकलकर रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं, जिनकी वजह से कई अप्रीय घटनाओं की खबरें सुनने को मिलती हैं. महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में तेंदुओं के हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिसे लेकर अब कई सरकारों ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इस दिशा में पहला कदम महाराष्ट्र सरकार ने उठाया है, जिसे लेकर जल्द ही एक प्रस्ताव पर मुहर भी लगाने की तैयारी चल रही है.
दअसल, महाराष्ट्र में तेंदुओं के लगातार बढ़ते हमलों ने राज्य सरकार को चिंता में डाल दिया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई बैठक में आदमखोर तेंदुओं को काबू में करने के लिए सख्त और तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए गए. अब इन घटनाओं को ‘राज्य आपदा’ घोषित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.
‘आपदा’ घोषित होंगे तेंदुए
बैठक में तय हुआ कि मनुष्यों पर हमले करने वाले तेंदुओं को राज्य आपदा घोषित करने का प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा. इस कदम से प्रभावित परिवारों को सरकारी राहत और मुआवजे की प्रक्रिया तेज हो सकेगी. फडणवीस ने कहा कि यह सिर्फ वन्यजीव संरक्षण का मामला नहीं, बल्कि जनसुरक्षा का सवाल है.
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आदमखोर तेंदुओं की होगी नसबंदी
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन तेंदुओं के हमले बढ़ रहे हैं, उन्हें पकड़कर उनकी नसबंदी की जाए ताकि उनकी जनसंख्या नियंत्रित रखी जा सके. इसके लिए केंद्र सरकार से मंजूरी भी मिल चुकी है. पुणे और नागपुर के गोरेवाड़ा में नए रेस्क्यू सेंटर बनाने का निर्णय हुआ है, जबकि मौजूदा केंद्रों की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी. राज्य सरकार अब आधुनिक तकनीक की मदद लेने जा रही है. संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी और वन विभाग के साथ पुलिस की गश्त बढ़ाई जाएगी. खासकर उन इलाकों में जहां हाल के महीनों में तेंदुओं ने लोगों पर हमले किए हैं.
अनुसूची I से हटाने की तैयारी
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत तेंदुए अभी अनुसूची I में आते हैं, जिसके कारण उन्हें नुकसान पहुंचाना या मारना अपराध है. लेकिन राज्य सरकार अब केंद्र को सिफारिश भेजने जा रही है कि आदमखोर तेंदुओं को अनुसूची II में रखा जाए ताकि नियंत्रण के उपाय कानूनी रूप से आसान हो सकें. फडणवीस ने अगले दो से तीन महीनों में पुणे जिले में दो नए तेंदुआ बचाव केंद्र (रेस्क्यू सेंटर) खोलने के निर्देश दिए हैं. यहां घायल या पकड़े गए तेंदुओं का इलाज किया जाएगा और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा.










