Luthra Borthers Bouncers Story: गोवा के मशहूर पार्टी वेन्यू बिर्च बाय रोमियो लेन में हुए अग्निकांड के मालिक लूथरा ब्रदर्स के बाउंसर्स गुंडे हैं. बदतमीजी और गाली-गालौज करते हैं, विरोध करने पर मारपीट करते हैं. उन्हें पुलिस का कोई डर नहीं है और न ही उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज करा पाता है. यह कहना है वैभवी नामक लड़की का, जो 6-7 नवंबर की रात को हादसे से पहले रोमियो लेन में गई थी. वैभवी ने मीडिया को रोमियो लेन में अपने साथ हुए घटनाक्रम के बारे में बताया और लूथरा ब्रदर्स के बाउंसर्स की गुंडागर्दी की कहानी भी सुनाई.
वैभवी ने बताया कि वह एक नवंबर को रोमियो लेन स्थित बीच शैक में गई थी और साथ में उसके चचेरे भाई समेत 12 लोग और थे. क्लब इस तरह से बना है कि वहां बहुत घुटन होती है. इसमें एक एंट्री गेट और एक एग्जिट गेट है. इसलिए क्लब के अंदर आना-जाना मुश्किल है, क्योंकि भीड़ काफी होती है. उस दिन नाइट क्लब के कर्मचारियों ने बदतमीजी से बात की और अनुचित व्यवहार किया. जब सभी 13 लोग अलसुबह लगभग 3 बजे क्लब से निकल रहे थे तो एक भारी भरकम कुर्सी रास्ते में रखी थी, जसे चचेचे भाई ने पैर से एक साइड कर दिया.
वैभवी ने बताया कि भाई को कुर्सी हटाते हुए मैनेजर ने देखा और बोला कि फर्नीचर को नुकसान पहुंचा रहे हैं. आपको पहले ही बाहर निकाल देना चाहिए था. उसने भाई का कॉलर पकड़ लिया और बदतमीजी से बात करने लगा. माफी मांगकर वहां से जाने की कोशिश की तो उसने सुरक्षाकर्मियों और बाउंसरों को बुला लिया. वे पीछा करने लगे और मारपीट करने लगे. उस क्लब से निकलना मुश्किल था, इसलिए उन्होंने पीछा किया और लोगों को पीटा. उन्होंने बहन की छाती पर मुक्का मारा, उसे इतनी जोर से धक्का दिया कि वह सीढ़ियों से नीचे लुढकती चली गई.
वैभवी ने अनुसार, बाउंसरों ने एंट्री गेट पर बैरिकेड लगा दिए, ताकि कोई बाहर न निकल सकें. भाई ने उसे हटाया तो बाउंसर रॉड लेकर उसकी तरफ दौड़ा और उसे बुरी तरह पीटने लगा. बाउंसर को रोकने के लिए धक्का दिया तो उसने मुझे भी मारा. वे ऐसी गंदी भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे, जो पहले कभी नहीं सुनी थी. क्योंकि सभी बुरी तरह घायल हो गए थे, इसलिए हमने तुरंत नहीं, बल्कि सुबह पुलिस स्टेशन जाने का फैसला किया. पुलिस को सूचना दी, और उन्होंने अगले दिन अंजुना पुलिस स्टेशन आने को कहा और मशक्कत से FIR दर्ज कराई.
वैभवी ने बताया कि शिकायत में उन्होंने दोनों मालिकों के नाम शामिल किए थे, लेकिन पुलिस ने बाद में यह कहते हुए उन्हें हटा दिया कि घटना के समय वे शारीरिक रूप से मौजूद नहीं थे. ये घटनाएं घटीं, इसलिए इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. अगर आप महिलाओं की सुरक्षा और पर्यटकों की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लेते हैं तो गोवा में ऐसी घटनाएं होती रहेंगी. हाल ही में हुए अग्निकांड के बारे में जानकर भी मन दुखी हुआ. उस नाइट क्लब में ऐसा हादसा कभी भी हो सकता था और किसी के साथ भी हो सकता था, क्योंकि वह बिल्डिंग ही खतरनाक है.










