Lok Sabha Elections 2024 (केजे श्रीवत्सन, जोधपुर): पिछले साल 3 दिसंबर को राजस्थान विधानसभा चुनावों के नतीजों में बीजेपी ने बाजी मार ली थी। राज्य की 200 सीटों में से 115 सीटें जीतकर बीजेपी राजस्थान की गद्दी पर काबिज हुई। जिसके बाद अटकलें लगाई जाने लगीं थीं कि आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी एकजुट होकर चुनावी मैदान में कदम रखेगी। मगर नतीजों के चंद महीनों बाद ही राजस्थान बीजेपी में खींचतान की खबरें आने लगीं। अब आलम यह है कि, आम चुनावों (Lok Sabha Elections 2024)से पहले पार्टी नेताओं में ही आपसी टकराव शुरू हो गया है।
केंद्रीय मंत्री पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप
राजस्थान के जोधपुर को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है। जोधपुर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत की सीट है। मगर भाजपा के गढ़ से ही केंद्रीय मंत्री के खिलाफ पार्टी के विधायक ने ही मोर्चा खोल दिया है। भाजपा विधायक बाबु सिंह राठौड़ ने गजेंद्र शेखावत पर भष्ट्राचार का आरोप लगाया है। दरअसल बाबु सिंह राठौड़ अपने कार्यकर्ताओं के साथ जोधपुर के शेरगढ़ पुलिस थाने के बाहर टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए थे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। ऐसे में जब गजेंद्र शेखावत शेरगढ़ पहुंचे तो बाबु सिंह का कहना है कि, केंद्रीय मंत्री के आदेश पर पुलिस ने धरना प्रदर्शन के खिलाफ कार्यवाई शुरू कर दी। मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस ने भी संजीवनी चिट फंड घोटाले पर गजेंद्र शेखावत को घेर लिया था।
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चुरू में छिड़ी तकरार
राजस्थान के चुरू में भी भाजपा नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस बार बीजेपी ने चुरू से सांसद रहे राहुल कस्वां का टिकट काट दिया है। जिसके बाद राहुल का बगावती तेवर दिखाई दे रहा है। राहुल ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ को इसका जिम्मेदार ठहराया है। यही नहीं राहुल कस्वां ने बीजेपी का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने का इशारा दे दिया है। खबरों की मानें तो राहुल चुरू से ही कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि इसपर अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।
बीजेपी ने जारी की चुनावी उम्मीदवारों की लिस्ट
खास बात यह है कि 2 मार्च को बीजेपी ने लोकसभा चुनावों की पहली लिस्ट जारी की थी। 195 उम्मीदवारों की इस सूची में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत का नाम जोधपुर सीट के लिए सामने आया है। वहीं खबरों के अनुसार पार्टी राजेन्द्र राठौड़ को भी अगली सूची में शामिल करने की योजना बना रही है। हालांकि दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ राजस्थान में मोर्चा खुला हुआ है। ऐसे में अपनों की नाराजगी इन दोनों नेताओं के साथ-साथ पार्टी के लिए भी बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है।
वसुंधरा राजे भी हैं नाराज
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे की नाराजगी भी जग जाहिर है। ऐसे में आलम यह है कि अब बीजेपी राजस्थान में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। बीजेपी की नजर राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर है। वहीं ‘अबकी बार 400 पार’ का आंकड़ा छूने के लिए बीजेपी राजस्थान की सभी सीटें जीतने की जद्दोजहद में लगी है।
ऑपरेशन लोटस पर है फोकस
तमाम परेशानियों के बीच बीजेपी के लिए तसल्ली की बात यह है की ऑपरेशन “लोटस” के राजस्थान में काफी हद तक कामयाब होने की उम्मीद की जा रही है। इस ऑपरेशन के तहत कई कांग्रेसी नेताओं ने पाला बदलना शुरू कर दिया है। खबरों की मानें तो रविवार को अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक कहे जाने वाले पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया, राजेन्द्र यादव, आलोक बेनीवाल और बाबूलाल बैरवा जैसे कई कद्दावर कांग्रेस नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. लेकिन अगर बीजेपी कांग्रेस छोड़कर आने वाले इन नेताओं को लोकसभा टिकट देती है तो इससे भी पार्टी में एक बार फिर उथल-पुथल शुरू हो सकती है।