POCSO Courts: देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 413 POCSO कोर्ट और 733 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSCs) चल रही हैं। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कानून मंत्री ने बताया कि फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) की स्थापना और उनका कामकाज राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है, जो संबंधित उच्च न्यायालयों के साथ परामर्श से अपनी जरूरत और संसाधनों के अनुसार ऐसी अदालतों की स्थापना करती हैं।
733 Fast Track Special Courts including 413 exclusive POCSO Courts operationalized in 28 States/UTs
---विज्ञापन---Read @ANI Story | https://t.co/5MaDj3lsPW#KirenRijiju #RajyaSabha #ParliamentWinterSession pic.twitter.com/dtRwDD8979
— ANI Digital (@ani_digital) December 22, 2022
---विज्ञापन---
193814 मामले हैं लंबित
आगे केंद्रीय मंत्री ने कहा, इन अदालतों में स्थापना के बाद से कुल 1,24,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया जा चुका है। फिलहाल इन अदालतों में 1,93,814 मामले इस वर्ष 31 अक्टूबर तक लंबित हैं। किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में कहा, उच्च न्यायालयों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, 2017 के बाद 242 और एफटीसी स्थापित की गई थी। जो अब 31 अक्टूबर, 2022 तक बढ़कर 838 एफटीसी हो गई हैं।
योजना की अवधि बढ़ाई गई
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2019 में 1023 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स (FTSCs) की स्थापना के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की थी। जिसमें 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 389 अनन्य POCSO कोर्ट शामिल हैं, जो बलात्कार और POCSO अधिनियम से संबंधित मामलों के त्वरित परीक्षण और निपटान के लिए बनाई गई हैं। उन्होंने कहा प्रारंभ में यह योजना एक वर्ष के लिए थी और अब 31 मार्च, 2023 तक जारी है।