Chandrayaan 3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ ने बुधवार को बताया कि बहुप्रतीक्षित चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग 12 से 19 जुलाई के बीच की जाएगी। सभी टेस्ट हो चुके हैं। लॉन्चिंग की असल डेट कुछ दिन में घोषित होगी। वहीं, सूत्रों का कहना है कि रॉकेट 13 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे लॉन्च किया जाएगा।
इसरो चीफ ने कहा कि 2019 में चंद्रयान के लैंडिंग के वक्त जो विक्रम लैंडर के साथ हुआ था, वो इस बार नहीं होगा। इसकी तकनीकी में बदलाव किया गया है।
#WATCH | ISRO chief S Somnath says, "Currently the Chandrayaan 3 spacecraft is fully integrated. We have completed the testing…Currently, the window of opportunity for launch is between 12-19th July…We will announce the exact date after all the tests are completed…" pic.twitter.com/FVT8uHkJVU
— ANI (@ANI) June 28, 2023
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सिर्फ लैंडर और रोवर जाएगा भेजा
इसरो के वैज्ञानिक आगामी मिशन की सफलता को लेकर बेहद आशावादी हैं। इस प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन से हमारी चंद्रमा को लेकर समझ और गहरी होगी। इस बार इसरो चंद्रयान-3 मिशन में सिर्फ लैंडर और रोवर भेज रहा है। इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा। लैंडर और रोवर का संपर्क चंद्रमा के चक्कर लगा रहे चंद्रयान-दो के आर्बिटर से जोड़ा जाएगा।इसमें कई सेंसर्स लगाए गए हैं, जो सुरक्षित लैंडिंग में मदद करेंगे।
चंद्रयान-3 से क्या-क्या पता चलेगा?
चंद्रयान-3 में ऐसे यंत्र लगे हैं, जो रोशनी और खनिजों की हीट के आधार पर चंद्रमा की स्टडी करेंगे। इसके जरिए चंद्रमा की सतह पर उपलब्ध रासायनिक और प्राकृतिक तत्वों, मिट्टी और पानी का पता लगाया जाएगा। इसके अलावा थर्मल कंडक्टिविटी और तापमान को भी जांचेगा।
वैज्ञानिक बरत रहे खास सावधानी
चंद्रयान-3 को लेकर इसरो के वैज्ञानिक कोई चूक नहीं करना चाहते हैं। पिछली बार चंद्रयान 2 मिशन के वक्त सेंसर्स और बूस्टर्स में दिक्कत आई थी। इसके चलते हार्ड लैंडिंग हुई थी। लैंडर चंद्रमा की सतह पर तेजी से घूमता हुआ गिरा था।इसरो के वैज्ञानिक चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से लैंडर और रोवर का संपर्क बनाना चाहते हैं।
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