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भाषा विवाद के बीच स्टालिन सरकार का बड़ा फैसला, बजट से रुपये का चिह्न हटाया… जानें पूरा मामला

भाषा विवाद के बीच तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। देश में पहली बार किसी राज्य सरकार ने रुपये के सिंबल में बदलाव का फैसला लिया है। बता दें कि रुपये के सिंबल को बजट का आधिकारिक प्रतीक माना जाता है।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Mar 13, 2025 14:45
MK Stalin

तीन भाषा नीति पर जारी विवाद के बीच अब तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बजट से रुपये का चिह्न हटाकर इसे तमिल में कर दिया गया है। बता दें कि चिह्न हटाने का फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब संसद में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर हिंदी थोपे जाने का मुद्दा गर्माया हुआ है। अब स्टालिन सरकार ने पूरे देश में चलने वाले रुपये के सिंबल को ‘ரூ’ सिंबल में बदल दिया है। भाषा विवाद के बीच तमिलनाडु सरकार के फैसले ने नई राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है।

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रुपये का सिंबल बजट का आधिकारिक प्रतीत माना जाता है, अब तमिलनाडु की सरकार ने इसे तमिल लिपि के अक्षर से रिप्लेस किया है। भारत में यह पहली बार है, जब किसी राज्य की सरकार ने रुपये के सिंबल को रिप्लेस किया हो। देश में रुपये का जो सिंबल है, वह उदय कुमार धर्मलिंगम ने डिजाइन किया था। उदय एक मशहूर शिक्षाविद और डिजाइनर हैं। उनका सिंबल अंतिम 5 में से चुना गया था, जो भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे पर आधारित है।

स्टालिन की पार्टी के विधायक रहे हैं उदय के पिता

उदय को लेकर हैरान करने वाली बात ये है कि एमके स्टालिन की ही पार्टी से एमएलए रह चुके एन धर्मलिंगम के बेटे हैं। भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर उनके डिजाइन को 2010 में अपनाया था। उदय तमिलनाडु के कल्लाकुरिची के मूल निवासी हैं। फिलहाल तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच हिंदी को लेकर गतिरोध जारी है। हाल में ही तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन का बड़ा बयान सामने आया था, जिसमें स्टालिन ने कहा था कि उनके ऊपर जबरन हिंदी थोपी जा रही है।

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First published on: Mar 13, 2025 02:25 PM

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