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High Court में 29 वकीलों पर एक साथ लगा कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट; साथी के लिए लेडी CJM के साथ किया मिसबिहेव

Kerala High Court Initiates : केरल में सीजेएम कोर्ट में महिला मजिस्ट्रेट के साथ दुर्व्यवहार के मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान ले 29 वकीलों के खिलाफ मुकद्दमा चलाया है।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Apr 21, 2024 17:34
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कोच्चि: केरल में 29 वकील एक साथ कठघरे में खड़े होने की नौबत में आ गए। मामला भी कोई छोटा नहीं, बल्कि न्यायालय की अवमानना का है। आरोप है कि एक वकील के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद साथी वकीलों ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के खिलाफ नारे लगाए। इसके बाद करीब एक सप्ताह पहले ही इस मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सरकारी कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में मुकद्दमा चलाया है। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई हुई।

वकील पर लगा था जालसाजी का आरोप

घटना बीते गुरुवार को कोट्टायम की चीफ ज्यृडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट में घटी थी। मिली जानकारी के अनुसार वकील एमपी नवाब पर आरोप है कि उन्होंने अपने मुवक्किल को रिहा कराने के लिए जमानत के झूठे दस्तावेज तैयार करके कोर्ट में प्रस्तुत किए। भेद खुल जाने पर 8 नवंबर को चीफ ज्यृडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) विवेता सेतुमोहन की अदालत के आदेश पर स्थानीय पुलिस ने वकील नवाब और उनके मुवक्किल के खिलाफ जालसाजी विरोधी कानून की धाराओं 465, 466, 468 और 471 के अलावा आईपीसी की 34 के तहत आपराधिक केस दर्ज किया था।

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200 से अधिक वकीलों ने रोकी कोर्ट की कार्यवाही

22 नवंबर को इस मामले के संबंध में कोट्टायम बार एसोसिएशन की तरफ से वकीलों के प्रति मजिस्ट्रेट के द्वारा कथित खराब आचरण किए जाने का आरोप लगा अदालती कार्यवाही के बहिष्कार संबंधी नोटिस जारी किया गया। अगले दिन 23 नवंबर को वकीलों ने अदालत की कार्यवाही रोक दी और CJM विवेता सेतुमोहन के खिलाफ नारे लगाए। आरोप है कि अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। इस प्रदर्शन पर कार्रवाई के लिए सीजेएम सेतुमोहन ने अपने आदेश में दर्ज किया कि वकील सोजन पावियानियोस और बेनी कुरियन के नेतृत्व में 200 से अधिक वकीलों ने उनकी अदालत में चल रही कार्यवाही रोक दी। प्रदर्शनकारियों में कोट्टायम बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव आंदोलनकारियों में शामिल थे। कुछ वीडियोग्राफरों ने विरोध प्रदर्शन सहित अदालती कार्यवाही की रिकॉर्डिंग की। जब अदालत में पुलिस सहायता ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो वकील उनके भी खिलाफ हो गए।

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24 नवंबर को इस पर केरल हाईकोर्ट के जज जस्टिस देवन रामचंद्रन ने सवाल किया कि बार ऐसे अनावश्यक मामलों में हस्तक्षेप क्यों कर रहा है। कल, मैंने कोट्टायम में मुद्दा देखा। बार चयनात्मक क्यों हो रहा है? हम कहां जा रहे हैं? इसका कोई मतलब नहीं है। जब आम नागरिक ऐसी घटनाएं देखेंगे तो कानूनी बिरादरी के बारे में क्या सोचेंगे। उधर, हाईकोर्ट ने कोट्टायम CJM विवेता सेतुमोहन के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल 29 वकीलों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अदालत की अवमानना का मामला शुरू किया है। मंगलवार को जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो खंडपीठ ने बताया कि वकीलों के खिलाफ आरोप गंभीर हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।

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Edited By

Balraj Singh

Edited By

rahul solanki

First published on: Nov 28, 2023 07:49 PM

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