Sister of Karsewak Kothari Bandhu Invited For Pran Pratishtha : अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का इंतजार पूरा देश कर रहा है। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए 22 जनवरी की तारीख बेहद खास होगी। लेकिन एक परिवार ऐसा है जिसके लिए यह दिन कुछ अलग ही खास रहेगा। कोलकाता का कोठारी परिवार इस दिन का इंतजार लंबे समय से कर रहा है। 30 अक्टूबर को विवादित ढांचे पर भगवा ध्वज लहराने वालों में इस परिवार के दो भाई राम और शरद सबसे आगे थे।
#WATCH | Kolkata: Ram Sharad Kothari Smriti Sangh President Rajesh Aggarwal says, "Poornima Kothari, the sister of Ram and Sharad Kothari, has received the invitation to the Pran Pratishtha ceremony… She will attend the ceremony… We have arranged a camp near the Ram Temple in… pic.twitter.com/7EUEsWFsPx
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) January 12, 2024
इसके बाद दो नवंबर 1990 को मुलायम सिंह यादव की सरकार ने पुलिस को कारसेवकों पर खुली गोलीबारी करने का आदेश दे दिया था। इस दौरान राम और शरद कोठारी की जान चली गई थी और वह राम जन्मभूमि मंदिर के लिए शहीद हो गए थे। आज यानी शुक्रवार को उनकी बहन पूर्णिमा कोठारी को 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया गया है।
33 साल में पहली बार खुशी का मौका आया
पूर्णिमा कोठारी ने कहा कि पिछले 33 साल में यह पहला खुशी का मौका आया है। मेरे भाइयों के बलिदान के बाद हमने 33 साल इंतजार किया और हम बहुत खुश हैं। 33 साल पहले मेरे भाइयों के साथ जो हुआ था उसे मैं भूली नहीं हूं। एक समय तो मैंने पूरी आस खो दी थी। मुझे लगने लगा था कि हम कभी राम मंदिर अपनी आंखों से नहीं देख पाएंगे। लेकिन आज मेरे भाइयों के बलिदान को वह सम्मान मिल रहा है जो मिलना चाहिए था।
इस सवाल पर क्या उन्होंने कभी ऐसा सोचा कि उनके भाइयों का बलिदान व्यर्थ हो गया, पूर्णिमा ने कहा कि 2014 के पहले मुझे ऐसा लगा था क्योंकि जब भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे थे तो उनके भक्तों को भी गलत समझा जाने लगा था। तब हमारी उम्मीदें लगभग टूट गई थीं। लेकिन आज देश का माहौल बहुत अच्छा है। मुझे बहुत गर्व है कि आज मैं यहां हूं।
वोट पाने के लिए करवाई गई थी फायरिंग
अपने भाइयों को याद करते हुए पूर्णिमा ने कहा कि अगर उन्हें गोली ही मारनी थी तो पैर पर भी मार सकते थे। उनकी जान लेने की क्या जरूरत थी? मैंने सुना था कि मुलायम सिंह ने बाद में कारसेवकों पर गोलीबारी पर खेद जताया था। लेकिन इससे उन्हें मिला क्या था? पूर्णिमा कोठारी ने दावा किया कि मुलायम सिंह ने ऐसा सिर्फ वोट पाने के लिए किया था।
विरोधी दलों की ओर से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता ठुकराने को लेकर पूर्णिमा ने कहा कि यह उनका दुर्भाग्य है कि निमंत्रण पाने के बाद भी वह इसमें नहीं आ रहे हैं। लाखों लोग ऐसे है इस बात से दुखी हैं कि वह इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे। ऐसे लोग भी हैं जो अयोध्या में होने भर से ही खुश हो जाएंगे जबकि वह प्राण प्रतिष्ठा नहीं देख पाएंगे। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के लोग राजनेता हैं और वह हर चीज को उसी नजरिए से देखेंगे।
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