दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर कथित तौर पर नोटों का ढेर मिलने के मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई। सुप्रीम कोर्ट के वकील मैथ्यू नेदुम्पारा ने ये याचिका दाखिल की है।
याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली पुलिस को इस मामले में FIR दर्ज करने का निर्देश दिया जाए। याचिका में ये भी कहा गया है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 3 जजों की समिति बनाने का कोई औचित्य नहीं है। जांच की कार्यवाही अब पुलिस को करनी चाहिए।
Excellent decision of the CJI on the Justice Yashwant Verma matter. Excellent inquiry committee & full transparency. Kudos pic.twitter.com/3Qaql2auF7
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) March 22, 2025
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याचिका में न्यायपालिका के सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार को प्रभावी और सार्थक कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई है, जिसमें न्यायिक मानक और जवाबदेही विधेयक, 2010 को दोबारा लाने की मांग की है।
जस्टिस यशवंत वर्मा का इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर का बार एसोसिएशन ने किया विरोध
इससे पहले गुरुवार को देशभर के बार एसोसिएशन के प्रतिनिधिओं ने चीफ जस्टिस से इस मुद्दे पर मुलाकात की। बता दें जस्टिस यशवंत वर्मा का इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इस निर्णय के खिलाफ है, बार मेंबर इस मुद्दे पर फिलहाल हड़ताल पर चल रहे हैं।
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार ये पूरा मामला 14 मार्च 2025 का है। जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी बंगले के स्टोररूम में आग लग गई थी। इस दौरान जस्टिस वर्मा अपने घर में नहीं थे। परिजनों ने आग की सूचना दमकल विभाग को दी। आग बुझाने पहुंचे फायर बिग्रेड कर्मचारियों को बंगले में बड़ी मात्रा में नकदी मिली। इसके बाद मामले की सूचना सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और पुलिस के आला अधिकारियों को दी गई।
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