Jaypee Infratech MD Arrest: देश की बड़ी कंपनियों में से एक जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड से बड़ी खबर आई है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 12000 करोड़ के घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज गौड़ को गिरफ्तार किया है. मनोज पर आरोपी हैं कि इनके जरिए जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) ने 12000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. साथ ही घर खरीदाने वालों के पैसे की हेराफेरी भी की.
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मई महीने में ED ने मारी थी छापेमारी
बता दें कि 23 मई 2025 में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत जेपी इंफ्राटेक, जेपी एसोसिएट्स और संबंधित कंपनियों के ठिकानों पर रेड मारी थी. दिल्ली और मुंबई समेत करीब 15 ठिकानों पर छापेमारी करके तलाशी ली गई थी और डॉक्यूमेंट खंगाले गए थे. छापेमारी में कैश, कई डॉक्यूमेंट, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, बैंक रिकॉर्ड बरामद किए गए थे. वहीं करीब एक करोड़ 70 लाख कैश बरामद हुआ था. आरोप हैं कि कंपनी ने उसके प्रोजेक्ट के तहत घर खरीदने वालों के पैसों का दुरुपयोग किया और उसे दूसरी जगह इन्वेस्ट किया.
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साल 2020 से चल रहा है फ्रॉड केस
बता दें कि जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) और इसकी सहायक कंपनी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (JIL) पर 12000 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप हैं. मामले में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया हुआ है. मामला 2020 से चल रहा है और कंपनी पर कुल 54000 करोड़ रुपये का कर्ज भी है. जेपी ग्रुप इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, सीमेंट और पावर सेक्टर में बहुत बड़ा नाम है, लेकिन कंपनी ने नोएडा एक्सप्रेसवे पर फ्लैट बुक करने वाले करीब 20000 लोगों को धोखा दिया. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 15465 करोड़ और ICICI बैंक ने 10443 करोड़ का क्लेम किया.










