Kathua Terrorist Attack : जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने तीन दिन के अंदर तीन हमले किए। पहले आतंकियों ने रियासी जिले में बस को निशाना बनाया और फिर डोडा में नापाक मंसूबों को अंजाम दिया। कठुआ आतंकी हमले में एक जवान शहीद हो गए। यहां आतंकी किसी बड़े हमले को अंजाम देने के लिए आए थे, लेकिन एक हीरो ने बच्चों और ग्रामीणों के साथ कई लोगों की जान बचा ली। आइए आतंकी की पूरी कहानी कठुआ के हीरो की जुबानी सुनते हैं।
कठुआ के रहने वाले चश्मदीद अश्विनी कुमार शर्मा ने आंखों देखा हाल बताया। उन्होंने बताया कि मैं कल शाम 7.30 बजे के करीब बाइक से आ रहा था। एक लड़का मिला और उसने बताया कि एक आदमी राइफल लेकर घूम रहा है। इस पर मैंने छुपकर देखा तो गांव से करीब 40-50 की दूरी पर दो आतंकी बैग में एके-47 लेकर घूम रहे थे।
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हीरो ने राहगीरों को आतंकियों की सूचना दी
इसके बाद चश्मदीद ने आतंकियों से कुछ दूरी पर खेल रहे बच्चों और ग्रामीणों को चिल्ला कर कहा- छुप जाओ, आतंकी आए हैं। इस पर ग्रामीण और बच्चे आतंकी को देखकर घर के अंदर चले गए। इसके बाद मैंने सड़क पर खड़े होकर राहगीरों और गाड़ी वालों को रोककर बताया कि रुक जाओ और इधर-उधर छुप जाओ, क्योंकि आगे आतंकी खड़े हैं।
आतंकियों की फायरिंग में एक व्यक्ति हुआ घायल
कठुआ के हीरो ने आगे कहा कि थोड़ी देर के बाद आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें एक व्यक्ति के कंधे में गोली लगी। फिर उसने पुलिस को मामले की सूचना दी। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और एक आतंकी को मार गिराया, जबकि दूसरा दहशतगर्द भाग निकला। आज सुबह फरार आतंकी ने फिर गोलीबारी की।
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गांव में दहशत का माहौल
अश्विनी कुमार ने न सिर्फ अपने गांव के लोगों की जान बचाई, बल्कि उसने राहगीरों को आतंकियों के बारे में सूचना दी। उसने कहा कि सिर्फ इस बात का दुख है कि अगर मेरे पास भी राइफल होता तो मैं भी कुछ करता। गांव में दहशत का माहौल है। सुरक्षाबलों ने गांव के एक-एक घर की तलाशी ली, लेकिन आतंकी नहीं मिला।
कठुआ हमले में एक जवान शहीद
कठुआ जिले के हीरानगर में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के कांस्टेबल कबीर दास गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्होंने आज सुबह अस्पताल में अंतिम सांस ली। शहीद जवान एमपी के छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले थे। वे 2011 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे।