Jaipur Serial Blast: 15 साल पहले राजस्थान के जयपुर में हुए सीरियल बम विस्फोट कांड के पीड़ित परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। परिवारों की तरफ से एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें चार आरोपियों को बरी कर दिया था। निचली अदालत ने चारों को मौत की सजा सुनाई थी।
हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया था। साथ ही खराब जांच के लिए जांच एजेंसी को फटकार भी लगाई थी
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भाजपा नेता ने दिल्ली में वकीलों से की मुलाकात
राजस्थान में नेता विरोधी दल और भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने दिल्ली में वकीलों से मुलाकात की थी। याचिका का मसौदा तैयार करने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि निचली अदालत और उच्च न्यायालय के फैसलों में कई खामियां हैं। चतुर्वेदी ने कहा कि पीड़ित परिवारों को निचली अदालत या उच्च न्यायालय की कार्यवाही में पक्षकार नहीं बनाया गया। उन्होंने मामले को उठाने में तत्परता से कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए कांग्रेस सरकार की भी आलोचना की।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सुप्रीम कोर्ट जाने का भरोसा दिया था। हालांकि फैसले को आए 15 दिन से ज्यादा हो गए, अभी सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है।
29 मार्च को हुए आरोपी बरी
राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 मार्च को चार आरोपियों को बरी किया था। साथ ही आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) को घटिया जांच के लिए फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने डीजीपी को जांच में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा था।
सिलसिलेवार हुए थे 8 धमाके, 71 की हुई थी मौत
राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को सिलसिलेवार आठ बम धमाके हुए थे। 71 लोगों की मौत हो गई थी और 185 अन्य घायल हो गए थे।
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