Jagdeep Dhankhar Latest Update: जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(A) के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल करते हुए स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तुरंत प्रभाव से पद त्याग दिया है। ऐसे में अब देश के उपराष्ट्रपति का पद और राज्यसभा के सभापति का पद खाली हो गया है, ऐसे में अब उनका काम कौन संभालेगा?
कार्यकाल खत्म होने के बाद उपराष्ट्रपति चाहें तो नए उपराष्ट्रपति की नियुक्ति होने तक पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन अगर पद कार्यकाल खत्म होने से पहले किसी भी कारणवश रिक्त हो जाए तो तब क्या होगा?संविधान में ऐसी स्थिति के लिए क्या प्रावधान है? राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन कौन करेगा?
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राज्यसभा के लिए संविधान में है प्रावधान
ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, अगर उपराष्ट्रपति कार्यकाल खत्म होने से पहले पद छोड़ देते हैं तो संविधान के अनुच्छेद 89(2) और 91 के अनुसार, राज्यसभा के उपसभापति या राष्ट्रपति द्वारा नामित किया गया व्यक्ति नए उपराष्ट्रपति का चुनाव होने तक राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारी संभालेगा।
ऐसे में जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह अस्थायी रूप से सभापति का कार्यभार संभाल सकते हैं, लेकिन वे सिर्फ राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करेंगे। उपराष्ट्रपति को संविधान के अनुसार मिली शक्तियों का वहन करने की अनुमति नहीं होगी।
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राष्ट्रपति की जिम्मेदारी के लिए प्रावधान नहीं
अगर राष्ट्रपति पद त्याग दें, मृत्यु हो जाए, किसी कारणवश अनुपस्थित हों या बीमार हो जाएं और उपराष्ट्रपति उनका कार्यभार संभाल रहे हों और उपराष्ट्रपति का पद भी अचानक किसी कारणवश खाली हो जाए तो ऐसी स्थिति के लिए संविधान में कोई प्रावधान नहीं किया गया है, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 70 के तहत राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए संसद द्वारा कानून बनाया जा सकता है। संसद या केंद्र सरकार कोई अंतरिम व्यवस्था कर सकती है।
नए उपराष्ट्रपति का चुनाव कब तक होगा?
संविधान के अनुच्छेद 68 के तहत प्रावधान किया गया है कि अगर किसी कारणवश उपराष्ट्रपति का पद खाली हो जाता है तो जल्द से जल्द उपराष्ट्रपति का चुनाव कराया जाता है, जो 6 महीने के अंदर हो जाना चाहिए। नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति पद ग्रहण की तारीख से अगले 5 साल तक पद पर बने रहेंगे। संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्यों द्वारा गुप्त मतदान करके किया जाता है।
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राष्ट्रपति मुर्मू को भेजा धनखड़ ने इस्तीफा
बता दें कि जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित करते हुए हाथ से लिखकर इस्तीफा भेजा है। इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं, जो संविधान के अनुच्छेद 67(A) के अनुसार है।
बता दें कि 74 वर्षीय धनखड़ दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं। मार्च 2025 में दिल्ली के AIIMS में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी। पिछले महीने नैनीताल विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान वे बेहोश हो गए थे। उन्होंने अपना इस्तीफा उपराष्ट्रपति के आधिकारिक X अकाउंट पर भी पोस्ट किया गया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रिपरिषद और सांसदों का समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।