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इसरो ने चंद्रयान-5 का कर दिया ऐलान, 2026 में स्पेस में जाएगा गगनयान, जानें चंद्रयान-4 का शेड्यूल

ISRO News: इसरो जापान की अंतरिक्ष एजेंसी के साथ मिलकर चंद्रयान-5 पर काम करेगा। हालांकि इसकी तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन इसके 2028 के बाद होने की संभावना है। गगनयान मिशन को 2026 में लॉन्च किया जाएगा।

Edited By : Nandlal Sharma | Updated: Oct 27, 2024 08:21
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इसरो ने गगनयान को 2026 में स्पेस में भेजने की बात कही है। फाइल फोटो

ISRO News: इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने गगनयान मिशन को लेकर बड़ा ऐलान किया है। इसरो चीफ ने कहा कि भारत 2026 में गगनयान मिशन को स्पेस में भेजेगा। वहीं चंद्रयान-4 को 2028 में लॉन्च किया जाएगा, जबकि भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रोजेक्ट मिशन NISAR के अगले साल पूरा होने की उम्मीद है।

इसरो चेयरमैन ने कहा कि जापान के साथ साझा उपक्रम के तहत लूपेक्स मिशन यानी लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट चंद्रयान-5 मिशन होगा। इसरो इस प्रोजेक्ट पर जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के साथ मिलकर काम करेगा। इसरो चीफ ने मिशन की लॉन्चिंग को लेकर तारीख की घोषणा नहीं की, लेकिन लूपेक्स मिशन 2025 से पहले होने वाला था।

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हालांकि इसरो चीफ ने इसे चंद्रयान-5 करार दिया है तो माना जा रहा है कि 2028 में होने वाले चंद्रयान-4 मिशन के बाद ही इसे लॉन्च किया जाएगा।

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इसरो चेयरमैन ने शनिवार को दिल्ली स्थित आकाशवाणी के सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर में बोलते हुए यह जानकारी दी। एस सोमनाथ ने कहा कि भारत ग्लोबल स्पेस इकोनॉमी में अपनी भागीदारी बढ़ाकर अगले दस साल में कम से कम 10 परसेंट करना चाहता है। मौजूदा वक्त में भारत का हिस्सा 2 परसेंट के करीब है।

350 किलो का रोवर भेजेगा इसरो

जापान के साथ चंद्रयान 5 मिशन के बारे में बात करते हुए इसरो चेयरमैन ने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए भारत लैंडर प्रोवाइड करेगा, जबकि रोवर जापान देगा। उन्होंने कहा कि चंद्रयान 3 में रोवर का वजन सिर्फ 27 किलोग्राम था, लेकिन चंद्रयान 5 में रोवर का वजन 350 किलोग्राम होगा। उन्होंने कहा कि ये बहुत बड़ा और भारी मिशन होगा, जो चांद पर इंसान की लैंडिंग का रास्ता साफ करेगा। भारत ने 2040 तक चांद पर इंसान भेजने का टारगेट सेट किया है।

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इसरो चेयरमैन ने कहा कि चंद्रयान 3 ने सिर्फ चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग को ही संभव नहीं किया, बल्कि चांद के बारे में उसने दिलचस्प जानकारियां भी भेजी हैं। जैसा कि चंद्रयान-1 ने किया था और इसी मिशन से पता चला कि कभी चांद पर पानी की मौजूदगी थी।

उन्होंने कहा कि आदित्य-एल1 और एक्सपोसैट मिशन से भी स्पेस के बारे में नई जानकारियां मिल रही हैं। वैश्विक समुदाय इन जानकारियों से समृद्ध हो रहा है।

 

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Edited By

Nandlal Sharma

First published on: Oct 27, 2024 08:01 AM

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