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अगर आज गतंव्य तक नहीं पहुंचा Aditya L-1, तो जानें क्या करेगा ISRO?

ISRO Aditya L-1 Latest Update: इसरो का पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 आज सूर्य की कक्षा में अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच जाएगा। आदित्य एल-1 पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी. की दूरी पर स्थित है।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Jan 6, 2024 14:48
ISRO Aditya L-1 Latest Update
इसरो ने गगनयान को 2026 में स्पेस में भेजने की बात कही है। फाइल फोटो

ISRO Aditya L-1 Latest Update: इसरो आज अंतरिक्ष आधारित सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि इसरो का यह मिशन पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर पृथ्वी की अंतिम कक्षा यानी अपने स्थान पर पहुंचेगा। अधिकारियों ने बताया कि एल-1 प्वाइंट यानी लैंग्वेज प्वाइंट वह क्षेत्र है जहां पृथ्वी और सूर्य के बीच का गुरुत्वाकर्षण निष्क्रिय हो जाता है। एल-1 वह स्थान है जहां से सूर्य और पृथ्वी की दूरी 1 प्रतिशत के आसपास है।

इसरो की मानें तो आदित्य एल-1 आज शाम चार बजे इसरो की कक्षा में स्थापित हो जाएगा। अगर इसरो इसे सुरक्षित रूप से नहीं उतार पाता है तो वह सूर्य की कक्षा में अपनी यात्रा लगातार जारी रखेगा। बता दें इसरो ने 2 सितंबर को पीएसएलवी सी-57 से 2 सितंबर को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य एल-1 सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था। प्रक्षेपण के 63 मिनट बाद पीएसएलवी ने आदित्य एल-1 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया था।

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मिशन के मुख्य उद्देश्य

इसरो के वैज्ञानिकों की मानें तो आदित्य एल-1 मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, परिमंडल की गर्मी, सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियां, सौर भूकंप जैसी समस्याओं का पता लगाना है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि अगर मिशन कामयाब हुआ तो अगले 5 साल तक आदित्य एल-1 मिशन सूरज की किरणों पर रिसर्च करेगा। इसके लिए आज आदित्य को सूर्य की कक्षा में पहुंचना होगा। हालांकि इसके लिए आदित्य एल-1 की गति को नियंत्रित करना सबसे बड़ी चुनौती होगी।

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क्रैश हो सकता है आदित्य एल-1

इसरो चीफ ने बताया कि मिशन की गति को नियंत्रित करने के लिए फायर किया जाएगा। पहले फायर के बाद स्पीड को नियंत्रित करना मुश्किल होगा। लेकिन अगर फायर कामयाब नहीं रहता है दूसरी बार फायर किया जाएगा। दूसरे फायर में इसके क्रैश होने की संभावना ज्यादा है।

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First published on: Jan 06, 2024 02:47 PM

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