ठाकुर भूपेंद्र सिंह, अहमदाबाद: अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने स्पेशल अभियान चला एब बड़ा खुलासा किया है। क्राइम ब्रांच ने शहर के कोट इलाके से जासूसी के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। आरोपी से पूछताछ में पता चला है कि यह शख्स पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़ा है और पाकिस्तान को खास मदद भेज रहा था।
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने ISI की गहरी साजिश का भंडाफोड़ करते हुए अब्दुल वहाब नामक युवक को को पकड़ा है । वह यहां से अपने रिश्तेदारों के नाम पर सिम कार्ड्स एक्टिवेट कर पाकिस्तान ISI के लिए भेजता था। इतना ही नहीं सिम कार्ड पाकिस्तान उच्चायुक्त में काम कर रहे ISI के एक अधिकारी को भेजता था।
इन भारतीय सिम कार्ड पर पाकिस्तान से कॉलिंग और चेटिंग हो रही थी। साजिश की जड़े इतनी गहरी थी कि आईएसआई ने भारतीय सेना के सेवानिवृत अधिकारियों के लिए बनी वेब साईट rodra.gov.in की हुबहू फर्जी वेबसाइट भी बना ली थी। जिससे अन्य अधिकारियों और जवानों से संपर्क किया जाता था।
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की पूछताछ में अब्दुल वहाब ने बताया कि उसका परिवार पाकिस्तान में रहता है और उन्हें मिलने के लिए पाकिस्तानी वीजा देने में अधिकारी मदद करते थे बदलें में सिम कार्ड एक्टिवेट करवाने को कहते थे।अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने दांडिलिमड़ा इलाके से अब्दुल रज़ाक नाम के एक शक्श को गिरफ्तार किया है जिसके बारे में पता चला है कि यह आरोपी यहां से सिम कार्ड लेकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को दे रहा है। पूर्व सूचना और छानबीन के बाद अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने कल यह ऑपरेशन पूरा किया और इस शख्स को देर रात गिरफ्तार किया गया है।
अब्दुल सिम कार्ड खरीद उसे एक्टिवटे करवाकर इस सिमकार्ड का नंबर पाकिस्तान हाई कमीशन नई दिल्ली के इंटेलिजेंस अफसर शफाकत जतोई को मुहैया कराता था इसके आलावा ये अपनी जान पहचान के लोगो से इसी तरह अलग अलग सिम कार्ड हासिल कर उसके नंबर जतोई तक पहुंचाता था। इन नम्बरो की मदद से जतोई व्हाट्सप्प अप्लीकेशन डाउनलोड करता और एप्लीकेशन को एक्टिवटे करने के लिए पासवर्ड अब्दुल अपने पास मौजूद सिम से मुहैया कराता था जिसकी मदद से पाकिस्तान से बातचीत होती थी।
इन व्हाट्सप्प एप्लीकेशन से पाकिस्तान स्थिति आईएसआई के ऑपरेटिव भारतीय सुरक्षा एजंसियों की अतिसंवेदनशील और अहम् जानकारिया हासिल कर उसे भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की योजना बना रहे थे और ऐसे में भले ही इनका इस्तेमाल पाकिस्तान के आईएसआई के ऑपरेटिव कर रहे हो मगर सामने ये आता था की ये नंबर कोई भारतीय इस्तमल कर रहा हो इसके अलावा अब्दुल वहाब उर्फ़ अब्दुल रज़ाक और लोगो को भी इस मुहीम में शामिल करने की कोशिश में रहता था बहरहाल अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने अब्दुल को गिरफ्तार कर कई पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है