नई दिल्ली: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जल संसाधन विकास और प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और डेनमार्क के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। पीएम ऑफिस के मुताबिक यह समझौता ज्ञापन व्यापक रूप से जल संसाधन विकास और प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करेगा। ग्रामीण जल आपूर्ति और सहयोग के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में अधिकारियों, शिक्षाविदों, जल क्षेत्रों और उद्योग के बीच सीधे सहयोग के माध्यम से सीवेज और अपशिष्ट जल उपचार में सुधार लाएगा।
Govt okays signing of MoU between India and Denmark on cooperation in water resources development field
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#India #Denmark #PMModi pic.twitter.com/eK5H7ZgDVs— ANI Digital (@ani_digital) November 2, 2022
दोनों देश इस विषय पर एक-दूसरे की तकनीक, योजनाओं को शेयर करेंगे। जानकारी के मुताबिक समझौते में परिकल्पित सहयोग के कुछ व्यापक क्षेत्र डिजिटलीकरण और सूचना पहुंच में आसानी होगी। एकीकृत और स्मार्ट जल संसाधन विकास और प्रबंधन, जलभृत मानचित्रण, भूजल मॉडलिंग, निगरानी और पुनर्भरण आदि मुद्दों पर दोनों देश एक-दूसरे की मदद करेंगे।
बता दें कि डेनमार्क के प्रधान मंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 सितंबर को भारत और डेनमार्क के बीच एक आभासी शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की और दोनों देशों के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने पर एक संयुक्त बयान शुरू किया। संयुक्त बयान में पर्यावरण, जल और सर्कुलर अर्थव्यवस्था और स्मार्ट शहरों सहित सतत शहरी विकास के क्षेत्र में सहयोग की परिकल्पना की गई है।
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