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भारतीय रेलवे के नाम हुआ दुनिया का सबसे ऊंचा पियर ब्रिज बनाने का खिताब, इतने फुट की ऊंचाई पर दौड़ेगी ट्रेन

World Tallest Pier Bridge: पिछले काफी सालों से रेल कनेक्शन का इंतजार कर रहे मिजोरम के लोगों को आखिर रेलवे का तोहफा मिल गया. साथ ही भारतीय रेलवे ने दुनिया का सबसे ऊंचा पियर ब्रिज बनाने का खिताब भी अपने नाम कर लिया है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : sachin ahlawat Updated: Sep 15, 2025 18:44
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Noni Bridge

World Tallest Pier Bridge: पिछले काफी सालों से रेल कनेक्शन का इंतजार कर रहे मिजोरम के लोगों को आखिर रेलवे का तोहफा मिल गया. साथ ही भारतीय रेलवे ने दुनिया का सबसे ऊंचा पियर ब्रिज बनाने का खिताब भी अपने नाम कर लिया है. इससे पहले रेलवे ने जम्मू-कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च ब्रिज बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था. यह नया रिकॉर्ड पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे द्वारा बनाया गया है. रेलवे ने मणिपुर के लोगों को सुविधा देने के लिए और रेलवे के जारिए कनेक्ट करने के लिए नोनी पुल को तैयार किया गया है. भारतीय रेलवे लगातार मैदानी सहित पहाड़ी इलकों में भी अपनी पहुंच बनाने में लगी और जिसका सीधा फायदा दुर्गम स्थानों पर रहने वाले नागरिकों को मिल रहा है.

462 फुट है ब्रिज की ऊंचाई

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) द्वारा बनाए गए नोनी ब्रिज की ऊंचाई 462 फुट है और यह ब्रिज 111 किलोमीटर लंबे जीरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन परियोजना का सबसे शुरुआती हिस्से में बनाया गया है. बताया जा रहा है कि पिलर के सहारे बने एक पुल की ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ऊंची है. कुतुब मीनार की ऊंचाई 72 मीटर है और इस नोनी पुल की ऊंचाई 114 मीटर है. इसके अलावा बनाई गई इस लाइन पर 88 छोटे पुल और 55 बड़े पुल बनाए गए है. साथ यहां से गुजरने वाली ट्रेन 45 सुरंगों से होकर गुजरेगी. इस रेलवे लाइन प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए नोनी पुल को नंबर 164 के नाम से दिया गया.

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10 घंटे का सफर होगा 2.5 घंटे में तय

जीरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन परियोजना के तहत बने नोनी ब्रिज के कारण मणिपुर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ना संभव हो सका है. यहां रेल सेवा शुरू होने से 10 घंटे का सड़क सफर घटकर रेल मार्ग से लगभग 2.5 घंटे में तय हो सकेगा. बताया जा रहा है कि इस पुल पर दो पिलर्स P3 और P4 दुनिया के सबसे ऊंचे पियर्स हैं. जिसकी ऊंचाई 141 मीटर हैं. ब्रिज को बनाने में स्टील स्पैन लगाए गए हैं. इस दौरान कई चुनौतियों का सामना करते हुए रेलवे द्वारा इस ब्रिज का निर्माण किया गया है. दुर्गम और पहड़ी क्षेत्र होने के कारण इस ब्रिज की लागत भी काफी आई है. इसके निर्माण में लगभग 8071 करोड़ की लागत आई है.

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First published on: Sep 15, 2025 06:17 PM

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