इंडियन कॉस्ट गार्ड यानी भारतीय तट रक्षक बल को अब और ज्यादा बल मिल गया है। अचल अब इनके बेड़े में शामिल हुआ है, जिसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने भारतीय तटरक्षक बल के लिए बनाया है। ऐसे ही अभी और 7 फास्ट पेट्रोल जहाज और इंडियन कोस्ट गार्ड को मिलेंगे।
आपको बता दें कि अचल जहाज को कविता हरबोला ने पारंपरिक वैदिक मंत्रों के बीच समंदर में उतारा। इस मौके पर तटरक्षक बल के अतिरिक्त महानिदेशक अनिल कुमार हरबोला सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। GSL में इंडियन कोस्ट गार्ड के लिए आठ फास्ट पेट्रोल जहाज का निर्माण किया जा रहा है। 2022 में इसका अनुबंध हुआ था।
अचल जहाज का 60 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ निर्माण किया जा रहा है। स्वदेशी सामग्री के साथ डिजाइन किया गया यह जहाज समुद्री निगरानी, सुरक्षा और गश्त में मदद करेगा। इसका निर्माण आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है।
@IndiaCoastGuard marks another step towards #AtmanirbharBharat with the ceremonious launch of #FPV #Achal, proudly named by Smt. Kavita Harbola in presence of Coast Guard Commander Western Seaboard, CMD, @goashipyardltd, & DDG(M&M), #CGHQ at @goashipyardltd. Designed with 60%… pic.twitter.com/NQZiECR0LY
---विज्ञापन---— Indian Coast Guard (@IndiaCoastGuard) June 16, 2025
क्या है ‘अचल’ की खासियत?
यह जहाज भारत में ही डिजाइन और तैयार किया गया है।
इसमें 60% से ज्यादा हिस्से देश में बने हैं, जिससे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
जहाज की लंबाई 52 मीटर है और यह 27 नॉट्स (लगभग 50 किमी प्रति घंटे) की रफ्तार से चल सकता है।
यह तटरक्षक बल को समुद्री निगरानी, सुरक्षा और गश्त में मदद करेगा।
इस प्रोजेक्ट से स्थानीय उद्योगों, MSME कंपनियों और मजदूरों को रोजगार मिला है।
‘अचल’ का लॉन्च भारत की समुद्री सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है।
जहाज निर्माण क्षमता का एक अनुकरणीय प्रमाण
बता दें कि ‘अचल’ के लॉन्चिंग समारोह में गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के सीएमडी बृजेश कुमार उपाध्याय ने शिपयार्ड और विभिन्न उद्योगों के प्रयासों की सराहना की। इसके अलावा कई कठिनाइयों के बावजूद इस उपलब्धि पर जीएसएल के कर्मचारियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन में ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में सही दिशा में आगे बढ़ा जाए। उन्होंने कहा कि ‘अचल’ का शुभारंभ हमारे देश की जहाज निर्माण क्षमता का एक अनुकरणीय प्रमाण है।