पवन मिश्रा, नई दिल्ली
Defence Sector News: केंद्र में अभी नई सरकार का बनना बाकी है, लेकिन अभी से ही तीनों सेनाएं अपनी ताकत में ज्यादा से ज्यादा इजाफा करने में जुटी हुई हैं। 2 साल पहले जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था, तब इस युद्ध ने पूरी दुनिया को यह आईना दिखाया था कि लड़ाई में हथियार और रणनीति दोनों को बदलना पड़ेगा। हालांकि कारगिल युद्ध के बाद हमारी सेना ने कई लेवल पर इसमें बदलाव किया भी था, लेकिन रूस और यूक्रेन की जंग ने तीनों सेनाओं को यह दिखाया कि युद्ध चाहे किसी भी स्तर का क्यों न हो इसमें कम्युनिकेशन का सबसे बड़ा रोल रहता है। बता दें कि आज लोकसभा चुनाव की मतगणना होगी और रिजल्ट आएगा।
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अब भारतीय सेना के तीनों अंग भी अपनी सैटेलाइट्स को तेजी से मजबूत करने के साथ आर्म्स और आर्टिलरी में भी ताकत का बड़ी तेजी से इजाफा कर रहे हैं। यानी रक्षा मालखाने को और घातक करने की तैयारी चल रही है। यानी केंद्र में जैसे ही नई सरकार का गठन होगा, उसके बाद से मंजूरी की प्रक्रिया की शुरुआत हो जाएगी। आपको बता दे कि नई सरकार बनते ही के9 वज्र ऑटोमेटिक होवित्जर के अलावा डिफेंस सेक्टर की कई डील्स को मंजूरी मिलने वाली है।
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न्यूज24 को मिली एक्सक्लूजिव जानकारी के मुताबिक 100 के9 वज्र तोपें और 30 एमकेआई के लिए इंजन खरीदने के लिए 6,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। आपको बता दें कि मेक इन इंडिया के तहत इसे बनाने का काम किया जाएगा। के9 वज्र को इंटरनेशनल सीमा के नजदीक तैनात किया जाएगा। आपको बता दें कि के9 वज्र का वजन 50 टन है और अगर दुश्मन 50 किलोमीटर की दूरी पर भी छिपा बैठा हो, उसे नेस्तनाबूत करने में सक्षम है। इसके अलावा डिफेंस सेक्टर में सरकार की दूसरी सबसे बड़ी योजना एसयू-30 फाइटर एचके विमान की खरीद भी शामिल है। इसमें कोरापुट में मौजूद HAL की यूनिट में 2000 इंजन की खरीदारी भी अभी बाकी है।
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