भारत-अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर बातचीत चल रही है. दोनों देशों के अधिकारियों के बीच कई बार बैठक हो चुकी है. पहले टैरिफ को लेकर विवाद हुआ. अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. इसके साथ ही रूस के साथ तेल ना खरीदने का दबाव बना रहा है, वहीं H1B वीजा को लेकर नया नियम बना दिया है, जिसका असर सबसे अधिक भारतीयों पर पड़ने की संभावना है. इसी बीच भारत सरकार के मंत्री तमाम अधिकारियों के साथ अमेरिका में हैं और तीन दिन से बैठक में शामिल हो रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच तीन दिन से व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही है. इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है. भारत सरकार के मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में यह बैठक चल रही है. माना जा रहा है कि इस बैठक एक बाद टैरिफ को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन सकती है.
पीयूष गोयल के साथ कई अधिकारी भी मौजूद
अमेरिका के वाशिंगटन में चल रही इस बैठक में मंत्री पीयूष गोयल के साथ ही मंत्रालय के कई अधिकारी मौजूद हैं. विशेष सचिव, भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल भी इस बैठक में शामिल हैं. एक अधिकारी के अनुसार, कई स्तर पर बातचीत चल रही है.
माना जा रहा है कि इस सफ्ताह के अंत तक सभी लोग बैठक खत्म वापस देश लौट सकते हैं. बता दें कि 16 सितंबर को वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया था कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर दौरे पर आई अमेरिकी टीम के साथ सकारात्मक चर्चा हुई है.
किन-किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा?
माना जा रहा है कि टैरिफ को लेकर चल रहे विवाद पर कोई रास्ता निकाला जा सकता है. भारत की कोशिश है कि किसी तरह टैरिफ को कम किया जा सके. वहीं ट्रंप सरकार की तरफ से इस बात पर जोर दिया जा सकता है कि वह रूस के साथ तेल का कारोबार बंद करके उससे तेल खरीदने पर दबाव बनाने की कोशिश हो सकती है.
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इसके साथ ही ट्रंप सरकार ने H-1B वीजा पर फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दिया. इसका सबसे अधिक भारतीयों पर पड़ने की संभावना है. भारत इस फीस को कम करने की मांग कर सकता है, भारतीय रुपयों के अनुसार, यह रकम करीब 88 लाख रुपये तक है.