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भारत ने चीनी पर्यटकों के लिए फिर खोले टूरिस्ट वीजा, दोनों देशों के बीच रिश्तों में होगा सुधार

India-China relations: भारत ने हाल ही में दुनिया के विभिन्न देशों में मौजूद अपने दूतावासों और कॉन्सुलेट्स के माध्यम से चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा आवेदन दोबारा खोल दिए हैं. यह कदम दोनों देशों के बीच एलएसी पर लंबे सैन्य तनाव के बाद रिश्तों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा माना जा रहा है.

Author Written By: News24 हिंदी Updated: Nov 21, 2025 16:09
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India-China relations: भारत ने हाल ही में दुनिया के विभिन्न देशों में मौजूद अपने दूतावासों और कॉन्सुलेट्स के माध्यम से चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा आवेदन दोबारा खोल दिए हैं. यह कदम दोनों देशों के बीच एलएसी पर लंबे सैन्य तनाव के बाद रिश्तों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा माना जा रहा है. 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद चीनी नागरिकों के वीजा स्थगित कर दिए गए थे. जिससे संबंध दशकों में पहली बार बेहद निचले स्तर पर पहुंच गए थे. अब बिना किसी औपचारिक घोषणा के यह सुविधा फिर से शुरू कर दी गई है. जानकारों का कहना है कि यह निर्णय दोनों देशों के बीच लोगों के संपर्क बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.

भारत और चीन ने आपसी रिश्तों को स्थिर करने का प्रयास

सूत्रों ने बताया कि हाल के महीनों में भारत और चीन ने आपसी रिश्तों को स्थिर करने के लिए कई ‘पीपल-सेंट्रिक’ कदमों पर सहमति जताई है. इसी क्रम में 2020 से बंद पड़ी सीधी उड़ानें अक्टूबर 2024 में बहाल की गईं. इसके अलावा कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर शुरू करने, विभिन्न श्रेणियों के यात्रियों के लिए वीजा सुविधा बढ़ाने और राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर संयुक्त गतिविधियां आयोजित करने जैसे उपाय भी किए गए. इससे पहले भारत ने केवल चीन स्थित अपने मिशनों के माध्यम से ही चीनी पर्यटकों को वीजा देना शुरू किया था. अब यह सुविधा वैश्विक स्तर पर उपलब्ध होने से दोनों देशों के बीच आम लोगों के स्तर पर संवाद और बढ़ने की उम्मीद है.

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2024 में दोनों देशों के बीच एलएसी पर सेनाओं को पीछे हटाने पर बनी थी सहमति

अक्टूबर 2024 में दोनों देशों ने एलएसी पर अग्रिम मोर्चों से सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बनाई थी. इस समझौते के बाद कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई. जिसमें रिश्तों को सामान्य बनाने और सीमा विवाद को हल करने के तंत्रों को फिर सक्रिय करने पर निर्णय हुआ. इसके बाद विदेश और रक्षा मंत्रियों, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और सीमा वार्ताओं के विशेष प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की चर्चा हुई. जिसके परिणामस्वरूप सीमा व्यापार, आर्थिक सहयोग और अन्य क्षेत्रों में गतिविधियों को धीरे-धीरे बहाल करने की दिशा में सहमति बनी.

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First published on: Nov 21, 2025 04:09 PM

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