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भारत ने नामीबिया से चीतों को लेने से मना कर दिया, अहम है ये कारण

नई दिल्ली: भारत ने कहा कि वह पुनर्वास के लिए भारत लाए जा रहे कुछ चीतों को लेने से मना कर रहा है, क्योंकि वे बंदी-नस्ल के थे। वहीं, बाकी जो भी चीतों हैं उन्हें वर्तमान में नामीबिया में क्वारंटाइन किया गया है, जिससे की प्रक्रिया के तहत उन्हें लाया जा सके। भारत लाए जाने […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Aug 19, 2022 18:43
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नई दिल्ली: भारत ने कहा कि वह पुनर्वास के लिए भारत लाए जा रहे कुछ चीतों को लेने से मना कर रहा है, क्योंकि वे बंदी-नस्ल के थे। वहीं, बाकी जो भी चीतों हैं उन्हें वर्तमान में नामीबिया में क्वारंटाइन किया गया है, जिससे की प्रक्रिया के तहत उन्हें लाया जा सके।

भारत लाए जाने वाले चीतों के लॉट का निरीक्षण करने गए विशेषज्ञों ने कहा कि चूंकि वे बंदी नस्ल के थे, इसलिए ये चीते शिकार नहीं कर सकते थे। चीतों को भारत में मध्य प्रदेश के कुनो वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाना है। यह अभयारण्य तेंदुओं से भरा हुआ है और ऐसे चीतों को पेश करना उनके लिए विनाशकारी साबित होगा।

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भारतीय वन्यजीव संस्थान के प्रमुख, डॉ यादवेंद्र देव झाला भारत लाए जा रहे चीतों का निरीक्षण करने के लिए नामीबिया में एक टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। उनकी टीम ने पाया कि स्थानान्तरण के लिए क्वारंटाइन किए गए आठ चीतों में से तीन बंदी नस्ल के थे और शिकार नहीं पकड़ सकते थे।

एक वन अधिकारी ने कहा कि अब चीतों को बदला जाएगा। इससे उस परियोजना में और देरी होना तय है जो पहले से ही अन्य रुकावटों से जूझ रही है।

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HISTORY

Written By

Nitin Arora

First published on: Aug 19, 2022 06:43 PM

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