India Vs China GDP: चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही (Q3 FY23) में भारत की आर्थिक विकास दर (GDP) उम्मीद से कम रही है। मंगलवार को जारी अधिकारिक आंकड़े के अनुसार, भारत की जीडीपी 4.4 फीसदी रही है। जबकि संभावना जताई गई थी कि तीसरी तिमाही के आखिर में 7 फीसदी तक जाएगी।
सितंबर 2022 को समाप्त पिछली तिमाही में जीडीपी विकास दर 6.3 फीसदी थी। बावजूद इसके भारत की विकास दर पड़ोसी देश और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन से आगे है।
चीन और भारत के ग्रोथ में काफी अंतर
बता दें कि भारत केवल वित्तीय वर्षों के लिए आधिकारिक आंकड़ों की रिपोर्ट करता है। आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में 7 प्रतिशत की औसत वृद्धि होगी, जो चीन द्वारा रिपोर्ट किए गए 3 प्रतिशत से कहीं अधिक है।
इसके अलावा, अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक के 4.4 प्रतिशत वर्ष-दर-वर्ष अनुमान से भी मेल खाती है।
भारत की विकास दर तब से फिसल रही है, जब देश ने अप्रैल से जून तक अपनी पहली तिमाही (Q1 FY23) की जीडीपी वृद्धि को 13.5 प्रतिशत से 13.2 प्रतिशत तक संशोधित किया। जुलाई से सितंबर (Q2 FY23) का आंकड़ा 6.3 प्रतिशत पर आया और अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत की जीडीपी 4.4 प्रतिशत बढ़ी।
भारत की अर्थव्यवस्था का बेहतर प्रदर्शन
हालांकि, भारत दुनिया की बेहतर प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। मोदी सरकार ने पिछले 2021-2022 वित्तीय वर्ष के लिए 9.1 प्रतिशत के अपग्रेडेशन के बाद अपने पूर्ण वित्तीय वर्ष के प्रोजेक्शन को 7 प्रतिशत बनाए रखा है।
एक्सपर्ट्स बोले- इसलिए गिर रही चीन की अर्थव्यवस्था
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के विकास दर में तेजी से गिरावट कोविड की रोकथाम के लिए लगाए गए सख्त लॉकडाउन के चलते आई है। चीन निर्यात पर भी बहुत अधिक निर्भर हैं। इसके चलते उन्हें ज्यादा समस्याओं से सामना करना पड़ रहा है।
आंकड़ों के अनुसार, 2022 में चीन की 3 प्रतिशत की वृद्धि पिछले वर्ष की 8.1 प्रतिशत की दर से आधे से भी कम थी। 2020 के बाद कम से कम 1970 के बाद से यह दूसरी सबसे कम वार्षिक दर थी। कोरोनोवायरस महामारी की शुरुआत में विकास दर 2.4 प्रतिशत तक गिर गई थी।
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