ऑपरेशन सिंदूर और एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारत पर स्वार्म ड्रोन अटैक किया। 4 दिन तक पाकिस्तान ने कई ड्रोन और मिसाइल भारत पर दागे, लेकिन सेना और वायुसेना के डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल को हवा में ही ध्वस्त कर दिया था। S400, आकाशतीर, आकाश के बाद भारतीय सेना ने एक और डिफेंस सिस्टम का परीक्षण किया है, जिसे ‘भार्गवास्त्र’ नाम दिया गया है।
इसे भारतीय सेना का सबसे घातक हथियार कहा जा सकता है, क्योंकि ‘भार्गवास्त्र’ एक बार में 64 ड्रोन ढेर करने में सक्षम है। मंगलवार को ओडिशा के गोपालपुर में सीवार्ड फायरिंग रेंज में हार्ड किल मोड में भारत में ही बने काउंटर ड्रोन सिस्टम ‘भार्गवास्त्र’ का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण पाकिस्तान के साथ 4 दिन के गहन संघर्ष के बाद सीजफायर के कुछ दिन बाद किया गया।
‘भार्गवस्त्र’ को सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। आर्मी एयर डिफेंस (AAD) के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में ‘भार्गवास्त्र’ रॉकेट के 3 परीक्षण किए गए। 2 परीक्षण एक-एक रॉकेट दागकर किए गए। एक परीक्षण 2 सेकंड के भीतर साल्वो मोड में 2 रॉकेट दागकर किया गया। सभी 4 रॉकेट ने शानदार प्रदर्शन किया। यह परीक्षण ‘भार्गवास्त्र’ का दूसरा सफल परीक्षण था।
#WATCH | A new low-cost Counter Drone System in Hard Kill mode ‘Bhargavastra’, has been designed and developed by Solar Defence and Aerospace Limited (SDAL), signifying a substantial leap in countering the escalating threat of drone swarms. The micro rockets used in this… pic.twitter.com/qM4FWtEF43
— ANI (@ANI) May 14, 2025
‘भार्गवास्त्र’ की मारक क्षमता
- एक साथ 64 ड्रोन मार गिराने की क्षमता
- 2.5 किलोमीटर की दूरी तक टारगेट साधने में सक्षम
- 6 से 10 किलोमीटर की दूरी तक ड्रोन को डिटेक्ट करने में सक्षम
- 20 मीटर के रेडियस में ड्रोन के झुंड को तबाह करने में सक्षम
कैसे काम करेगा ‘भार्गवास्त्र’?
टारगेट का डिटेक्शन और पहचान
‘भार्गवास्त्र’ में रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और इन्फ्रारेड सेंसर्स लगे हैं। इनकी मदद से सिस्टम 6 से 10 किलोमीटर दूर हवाई खतरे ड्रोन, मिसाइल या अन्य किसी हथियार को डिटेक्ट करेगा। सिस्टम में एडवांस्ड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर है, जिससे वह कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटर और इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके टारगेट की पहचान करेगा।
टारगेट को लॉक करेगा
दुश्मन अकेला हो या झुंड में हो, सिस्टम का सेंसर टारगेट को ट्रैक करके लॉक करेगा। ऑपरेटर डिसाइड करेगा कि एक-एक ड्रोन को ढेर करना है या ड्रोन के पूरे झुंड को मार गिराना है। ऑटोमेटिक कैलकुलेशन करके सिस्टम अपनी मारक क्षमता भी तय कर लेता है।
मिसाइल अटैक करना
टारगेट को डिटेक्ट और लॉक करने के बाद काउंटर ड्रोन सिस्टम मिसाइल अटैक करता है। सिस्टम की फर्स्ट लेयर अनगाइडेड माइक्रो मिसाइल छोड़ेगा, जो ढाई किलोमीटर की दूरी और 20 मीटर के रेडियस में ड्रोन के झुंड पर अटैक करेगी। इस प्रोसेस से एक बार में एक साथ 64 ड्रोन हवा में ही ध्वस्त किए जा सकते हैं।
2 वर्किंग मोड
‘भार्गवास्त्र’ 2 तरीके से दुश्मन को ढेर करता है। एक अटैक माइक्रो मिसाइल दागकर किया जाएगा, जिसे हार्ड किल मोड कहा जाएगा। दूसरा अटैक सॉफ्ट किल मोड से होगा, जिमसें सिस्टम ड्रोन को जाम करके, स्पूफिंग से बेकार करके ध्वस्त किया जाएगा।