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1200 जवान, तोप-रॉकेट और राइफल…भारत-अमेरिका युद्धाभ्यास पाकिस्तान के साथ चीन को भी चेतावनी

India America War Practice: भारत अमेरिका के बीच राजस्थान में पाकिस्तान बॉर्डर के पास युद्धाभ्यास चल रहा है, जो पाकिस्तान-चीन के लिए चेतावनी है। भारत की राजपूत रेजीमेंट और अमेरिका दोनों के 1200 से ज्यादा जवान प्रैक्टिस कर रहे हैं, जो 21 सितंबर तक चलेगी।

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Sep 14, 2024 10:17
India America War Practice
India America War Practice

India America Joint War Practice (केजे श्रीवत्सन, जयपुर): विश्व शांति के लिए इस समय पाकिस्तान और चीन सबसे बड़ा खतरा बनकर उभर रहे हैं। पाकिस्तान के साथ भारत की दुश्मनी जगजाहिर है, लेकिन चीन के साथ भी पिछले कई साल से भारत के संबंध खराब है। इसलिए इन दोनों देशों को चेतावनी देते हुए भारत सेना पहली बार खुद टारगेट प्लानिंग करके अमेरिकी सैनिकों के साथ अभ्यास में जुटी है।

पाकिस्तान से चंद किलोमीटर दूर राजस्थान के बीकानेर में स्थित महाजन रेंज में 9 सितंबर से युद्धाभ्यास चल रहा है, जो 21 सितंबर तक चलेगा। इस प्रैक्टिस के साथ ही भारत, दुनिया में अमेरिका का सबसे बड़ा डेफेंस ट्रेनिंग पार्टनर बन जाएगा। पहली बार अमेरिका अपने सैनिकों और घातक सैन्य और अत्याधुनिक हथियारों की खेप लेकर भारत आया है। भारतीय सैनिक स्वदेशी असॉल्ट सीरीज की एके-203 राइफल जैसे हथियारों का उपयोग कर रहे हैं। भारतीय सेना इस प्रैक्टिस में अमेरिका से खरीदे गए हथियारों का परीक्षण भी कर रही है।

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दोनों देशों के बाद 20 साल में 20 युद्धाभ्यास

राजस्थान के रेतीले समंदर में दोनों देशों के 1200 से ज्यादा सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। भारतीय सेन की राजपूत रेजिमेंट के जवान इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच साल 2004 से अब तक 19 बार अब तक ऐसे संयुक्त युद्धाभ्यास हो चुके हैं। अब तक के सबसे बड़े इस 20वें युद्धाभ्यास में भी काउंटर टेरेरिज्म और काउंटर स्पेशल ऑपरेशन को टारगेट बनाकर प्रैक्टिस की जा रही है। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिका दौरे पर गए थे तो कई अहम रक्षा सौदे हुए थे।

इसलिए पूरी दुनिया की नजरें इस युद्धाभ्यास पर टिकी हैं। पिछली बार अमेरिका के अलास्का में युद्धाभ्यास हुआ था। इस बार जहां युद्धाभ्यास हो रहा है, वह इलाका करीब 3.37 लाख एकड़ में फैला है। अलास्का से अमेरिकी सैनिक आए हैं, जो जीरो से माइन्स 10 डिग्री सेल्सियस तापमान में रहते हैं, जबकि इस वक्त बीकानेर में महाजन फायरिंग रेंज का तापमान 35 डिग्री के करीब है। ऐसे में अमेरिकी सैनिकों के लिए खुद को यहां सेटल करने में मुश्किलें भी आ रही हैं।

 

युद्धाभ्यास में इस्तेमाल हो रहे यह हथियार

भारत की तरफ से इस अभ्यास में टैंक, BMP, इन्फैंट्री फाइटिंग व्हीकल (IFV), आर्मर्ड पर्सनल कैरियर (APC), ड्रोन, UAV को शामिल किया गया है। 155MM सीरीज की 777 अल्ट्रा हेवित्जर गन भी यहां लाई गई है। कारगिल युद्ध में बड़ी भूमिका निभाकर पाकितान के हौसले पस्त करने वाली पिनाका मिसाइल भी है। यह मिसाइल 44 सेंकेंड में 12 रॉकेट एक के बाद एक दागकर दुश्मन के बंकरों और तोपों को ढेर करने में सक्षम है। इस मिसाइल को भारत अब अमेनिया को निर्यात कर रहा है।

अमेरिका हाई मार्स गन लेकर आया है, जिसकी ताकत पिनाक की ताकत के सामान है। पिनाक के साथ 155MM सीरीज वाली वजन में सबसे हल्की गन 777 अल्ट्रा हेवित्जर तोप को अमेरिका से ही खरीदा गया था, लेकिन भारत इसे लगातार अत्याधुनिक बनाकर दुश्मन के खिलाफ इसे अपना सबसे ताकतवर हथियार बना चुका है। यह तोप 31 से 35 किलोमीटर की रेंज में अपने शिकार को सेल्फ नेविगेट करके निशाना साधती है।

यह भी पढ़ें: 25 टन वजन, 105MM की गन…भारतीय सेना का ये ‘हथियार’ पलक झपकते ढेर करता दुश्मन, 5 खासियतें

युद्धाभ्यास पर क्या कहते सेना के अधिकारी?

वॉर गेमिंग सेंटर में तैनात कर्नल आलोक शुक्ला बताते हैं कि पहली बार भारतीय सेना खुद लक्ष्य तैयार करके अभ्यास कर रही है। दोनों देशों की सेना ने एक दूसरे की बेस्ट युद्ध तकनीकें सीखीं। इस युद्धाभ्यास में लड़ाकू विमानों और तोपों के साथ खुफिया सूचनाओं, चौकसी और गहन सर्वेक्षण जैसे टॉपिक्स भी बखूबी अभ्यास में लाए जा रहे हैं। जूनियर कमीशन अफसर महादीप सिंह शेखावत पहले भी भारत और अमेरिका के युद्धाभ्यास में शामिल रहे है।

20वें युद्धाभ्यास में वे बतौर प्लाटून कमांडर शामिल हुए हैं और बताते हैं कि भारतीय सेना की 400 मीटर रेंज वाली इंसास राइफल, बैरल ग्रेनेड, एके-47 राइफल, स्नाइपर राइफल, ग्रेनेड लॉन्चर, 800 मीटर रेंज वाली लाइट मशीन गन, रॉकेट लांचर MK-3, ऑटोमेटिक ग्रेनेड लॉन्चर, ATGM लॉन्चर, वइसन कैमरा जैसे हथियारों से प्रैक्टिस कर रही है। वहीं अमेरिकन आर्मी की ओर अलग-अलग रेंज वाले शार्प शूटर, मीडियम मशीन गन, मल्टी ग्रेनाइड मशीन आदि लाई गई हैं।

First published on: Sep 14, 2024 10:15 AM

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