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Hyderabad Tragedy: ‘दम टूटने तक चारों बच्चे मां ने लगाए रखे सीने से’, हैदराबाद अग्निकांड की आंखों देखी

Hyderabad Fire Tragedy: हैदराबाद के गुलजार हाउस में हुए अग्निकांड की आंखों देखी 2 युवकों ने सुनाई, जो इतनी दर्दनाक है कि सुनकर दिल दहल जाएगा। युवकों ने वो खौफनाक मंजर देखा था, जिसे वे ताउम्र भुला नहीं पाएंगे।

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: May 19, 2025 14:09
Hyderabad Fire Tragedy | Gulzar House
हैदराबाद गुलजार हाउस अग्निकांड की आंखों देखी रुलाने वाली है।

तेलंगाना के हैदराबाद में 18 मई की सुबह गुलजार हाउस में हुए अग्निकांड की खौफनाक आंखों देखी 2 युवकों ने बताई है, जो दिल दहलाने वाली है। जब फायर ब्रिगेड आग बुझा रही थी तो दमकल कर्मियों के साथ 2 स्थानीय निवासी मीर जाहिद और मोहम्मद अजमत सबसे पहले अंदर गए। अंदर जाते ही वे एक कमरे में घुसे और वहां उन्होंने जो नजारा देखा, उसे वे ताउम्र भुला नहीं पाएंगे।

दोनों ने एक महिला को देखा, जो फर्श पर बैठी थी, लेकिन उसकी हालत देख लग रहा था कि उसने अपनी आखिरी सांस तक 4 बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की। अग्निकांड के सबसे मार्मिक दृश्य का जिक्र करते-करते दोनों युवक रो पड़े। अग्निकांड में ज्वैलर प्रह्लाद मोदी के परिवार के 17 लोगों की मौत हो गई है और जान गंवाने वालों में महिलाओं के साथ छोटे-छोटे मासूम बच्चे भी थे।

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कभी भूल नहीं पाएंगे दर्दनाक मंजर

अग्निकांड के बारे में बताते हुए मीर जाहिद और मोहम्मद अजमत ने बताया कि जब दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया और वे लोग भी दमकल कर्मियों के साथ बचाव के लिए अंदर पहुंचे। उन्होंने देखा कि फर्श पर एक महिला बैठी है। उसके हाथ में मोबाइल फोन है, जिसकी टॉर्च जल रही थी। महिला 4 बच्चों को सीने से लगाए बैठी थी।

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हालांकि पांचों दम तोड़ चुके थे, लेकिन महिला को देखकर लगा कि उसने चारों को बचाने की पूरी कोशिश की। जीवन में इससे ज्यादा दर्दनाक नजारा नहीं देखा। हमने उनके ऊपर एक चादर डाल दी, लेकिन उस दृश्य को कभी भूल नहीं पाएंगे कि कैसे एक मां आखिरी सांस तक अपने बच्चों को बचाने के लिए लड़ती रही।

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अग्निकांड में 8 बच्चों की जान गई

बता दें कि चारमीनार के पास एक दुकान और 100 साल पुरानी इमारत गुलजार हाउस में हुए अग्निकांड ने प्रह्लाद मोदी के पूरे परिवार को उजाड़ दिया। मृतकों में परिवार के मुखिया, उनकी पत्नी, 8 बच्चे और अन्य रिश्तेदार शामिल थे। जान गंवाने वालों की उम्र महज 2 साल से लेकर 73 साल तक रही। अग्निशमन विभाग के अनुसार, आग सुबह करीब 6 बजे लगी और इसे पूरी तरह बुझाने में 2 घंटे से अधिक का समय लग गया।

ग्राउंड फ्लोर पर लगे बिजली के पैनल में शॉर्ट सर्किट से चिंगारी निकली, जो तेजी से लकड़ी के पैनल में फैल गई। इससे एक एसी यूनिट का कंप्रेसर फट गया और आग ने विकराल रूप ले लिया। इमारत में सिर्फ एक ही प्रवेश द्वार था और संकरी सीढ़ियां थीं, जिस कारण ज्यादातर लोग बाहर नहीं निकल सके। प्रह्लाद मोदी की 3 ज्वेलरी की दुकानें इसी इमारत में थीं, जिनमें से एक दुकान 1906 से चली आ रही थी।

इस हादसे में केवल 4 परिजन ही बच पाए थे, क्योंकि वे उस समय घर में मौजूद नहीं थे।

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First published on: May 19, 2025 02:02 PM

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