पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाकर मुंह तोड़ जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने हवा से हवा में मार करने वाली क्रूज मिसाइलों, लंबी दूरी के स्टैंड ऑफ हथियारों और अलग-अलग प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल किया। इस तरह से कई पाकिस्तानी आतंकियों को ध्वस्त किया गया। सूत्रों के अनुसार, 4 दिन के हमले में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी वायु सेना को निर्णय लेने में असमर्थ बना दिया और 5 साल पीछे धकेल दिया। जिसके बाद उसे भारत के साथ युद्ध विराम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
9-10 मई की रात को किया हमला
रक्षा एवं सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने एएनआई को बताया कि चार दिनों तक चले संघर्ष में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई की। जिसके परिणामस्वरूप जमीन और हवा दोनों पर पाकिस्तानी वायुसेना का अत्यंत विनाश हुआ। दोनों पक्षों के बीच प्रमुख कार्रवाई 9 से 10 मई की रात को हुई और यह हमला 10 मई की दोपहर तक जारी रहा। भारत ने पाकिस्तान के पूरे क्षेत्र में स्थइत वायुसैनिक ठिकानों को अपना निशाना बनाया, जिससे यह सख्त मैसेज गया कि हम अंदर घुस के मार सकते हैं।
6-7 मई को भी किया हमला
बता दें कि भारत द्वारा 6-7 मई की रात को पाकिस्तान आतंकियों को ठिकाने लगाया गया। इस हमले के बाद जिसमें पाकिस्तान के पजांब प्रात के बहावलपुर और मुरीदके में स्थित आतंकवादी अड्डे भी शामिल थे। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत में सैन्य ठिकानों पर तुर्की ड्रोन और कई मिसाइलें दागी, लेकिन वह कामयाब नहीं हुआ। भारतीय सेना ने तुर्की जैसे ड्रोन को भी मार गिराया।
कई अमेरिकी और चीनी मिसाइले हैं शामिल
भारतीय सेना ने यह निर्णय लिया है कि जवाबी कार्रवाई में वह सबसे पहले पाकिस्तानी सेना के वायु रक्षा नेटवर्क से निपटेगी, जो भारत के साथ लगती सीमा पर तैनात है। बता दें कि पुराने अमेरिकी और चीनी रडार तथा चीनी मूल की सतह से हवा में मार करने वाली कई मिसाइलें शामिल हैं, जिनमें से एचक्यू-9 भी शामिल है। इसकी मारक क्षमता 250 किलोमीटर से ज्यादा है।
सूत्रों ने ANI को क्या बताया?
सूत्रों ने ANI को बताया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में स्थित रडार स्टेशनों को निशाना बनाकर एयर डिफेंस रडार से निपटने के लिए कई तरीके अपनाए। बता दें कि उनमें से 4-5 को हारोप और हार्पी लोइटरिंग म्यूनिशन ने धवस्त कर दिया। लाहौर सहित वायु रक्षा नेटवर्क को भी निशाना बनाए जाने से 7 और 8 मई के बाद से भारतीय गतिविधियों पर नजर रखने की पाकिस्तानी सना की क्षमता में काफी बाधा उतपन्न हो गई।
सुदर्शन एस-400 मिसाइल
सूत्रों ने बताया कि प्रमुख क्षेत्रों में अपने रडार नेटवर्क के नष्ट हो जाने से वायुसेना अभी भी सुदर्शन एस-400, शौर्य, समर और आकाश वायु रक्षा मिसाइलों के प्रकोप से बचने के लिए अपनी सीमा के बहुत अंदर तक उड़ान भर रही है। बता दें कि इन्हें आने वाले मोर्चे पर बहुत रणनीतिक रूप से तैनात किया गया है।
पाकिस्तान के इन हवाई अड्डों को किया नष्ट
बता दें कि भारतीय सेना ने 9 मई को नया रुख अपनाते हुए चकलाल, सरगोधा और मुरीद हवाई अड्डों पर पाकिस्तानी सेना के कमांड और नियंत्रण(सी2) केंद्रों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। कई सारे आतंकियों को ठिकाने लगाया। पाकिस्तानी के तीन ठिकानो पर सी2 केंद्रों को तीन प्रमुख हथियारों से नष्ट कर दिया गया, जिनमें दुनिया की सबसे तेज हवा से लॉन्च की जाने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, रैम्पेज और स्कैल्प शामिल है।
10 मई को 7 इलाकों में किया हमला
सूत्रों ने बताया कि जिन प्रमुख ठिकानों को वे निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे, उनमें से आदमपुर बेस और पंजाब तथा गुजरात में दो उच्च मूल्य वाली संपत्तियां शामिल थीं। भारतीय वायु रक्षा मिसाइलों, खासतौर पर स्वदेशी मिसाइलों ने चीनी हथियारों को रोककर हमलों को विफल करने में अहम भूमिका निभाई। भारतीय सेना ने 10 मई की सुबह सरगोधा, रफीकी, रहीमयारखान, जैकोबाबाद, भोलारी और कराची की एक छावनी में पाकिस्तानी वायुसेना के ठिकानों पर हमला किया।
भारतीय सेना ने हैंगर को बनाया था निशाना
सूत्रों के अनुसार पता चला कि भारतीय सेना ने भोलारी स्थित पाकिस्तानी वायुसेना के एयरबेस के हैंगर को निशाना बनाया गया, जहां साब 200 एईडब्लूएंडसी एयरबोर्न रडार और निगरानी विमान के साथ-साथ पाकिस्तानी वायुसेना के कम से कम 3-4 पश्चिमी मूल के लड़ाकू विमान मौजूद थे। इससे होने वाली तबही बहुत बड़ी थी। बता दें कि पाकिस्तानी सेना ने अभी तक हैंगर के अंदर से मलबा हटाना शुरू तक नहीं किया है।