नई दिल्ली: रक्षा मामलों में भारत आए दिन नए आयाम स्थापित कर रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को एक और स्वर्णिम पन्ना भारतीय वायुसेना के इतिहास में जुड़ने जा रहा है। कल एयरक्राफ्ट निर्माता कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पहला लाइट कॉम्बैट ट्विन-सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट एयर फोर्स को सौंपेगी। ऐसे आठ एयरक्राफ्ट सेना को सौंपे जाने की बात हो चुकी है। रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो इसके बाद हमारी वायुसेना इतनी मजबूत हो जाएगी कि पड़ोसी मुल्क चीन या पाकिस्तान हो चाहे फिर कोई और थर्राते नजर आएंगे।
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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की तरफ से बुधवार को वायुसेना को सौंपे जाएंगे आठ एयरक्राफ्ट्स
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रक्षा राज्य मंत्री, वायु सेना प्रमुख विवेक राम चौधरी के अलावा निर्माता कंपनी के अध्यक्ष सीबी अनंतकृष्णन रहेंगे उपस्थित
रक्षा अधिकारियों का कहना है कि टेस्ट के दौरान तेजस के नए अवतार के रूप में भारत का लाइट कॉम्बैट ट्विन-सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट तेजस मार्क-1 और मार्क 1ए HAL तेजस के तीन प्रॉडक्ट मॉडलों में शामिल हैं। टेस्ट के दौरान ये तमाम स्टैंडर्ड पर खरे उतरे हैं और बुधवार को HAL की तरफ से रक्षा राज्य मंत्री, भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी और एयरक्राफ्ट निर्माता कंपनी HAL के अध्यक्ष सीबी अनंतकृष्णन की मौजूदगी में इस वर्जन के आठ एयरक्राफ्ट्स वायुसेना को सौंप दिए जाएंगे। ट्रेनिंग के उद्देश्य से इस्तेमाल किया जाने वाला यह एयरक्राफ्ट हमारे पायलट्स को मॉडर्न फाइटर प्लेन उड़ाने के लिए जरूरी अनुभव देगा।
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In a major development, Hindustan Aeronautics Limited will hand over the first Light Combat Aircraft twin-seater trainer version aircraft to the Indian Air Force in Bengaluru tomorrow. Minister of State for Defence, Indian Air Force Chief Air Chief Marshal Vivek Ram Chaudhari,… pic.twitter.com/JyPBHlwQUW
— ANI (@ANI) October 3, 2023
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इस एलसीए ट्रेनर को LT-5201 नाम दिया गया है, वहीं इसे लीड-इन फाइटर ट्रेनर यानी LiFT भी कहते हैं। 13.2* 8.2*4.4 मीटर की डायमेंशन वाले इस एयरक्राफ्ट की मैक्सिमम स्पीड मैक 1.6 है और यह 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। इस एयरक्राफ्ट हथियारों के लिए 9 हार्ड पॉइंट मौजूद हैं। इसके अलावा 280 करोड़ रुपए की लागत के साथ चार पीढ़ी का सबसे सस्ता स्वदेशी एयरक्राफ्ट होगा। यही वजह है कि कई देश इसे खरीदने के इच्छुक हैं। अगर यह बात सिरे चढ़ती है तो भारत के रक्षा निर्यात के लिए यह अपने में बड़ी बात होगी।
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