India-China Border Controversy: पिछले कुछ सालों में भारत और चीन के बीच सीमा पर झड़प और तनाव की खबरें लगातार आती रही हैं। अरुणाचल प्रदेश के तवांग की घटना के बाद एक बार फिर से सीमा पर विवाद देखा गया। लेकिन सिर्फ तवांग ही नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच सीमा पर कई इलाकों में विवाद जारी है। अब वहीं लगातार बढ़ते विवादों को देखते हुए लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक भारत-चीन सीमा पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की सीमा चौकियों पर निगरानी रखने के लिए और इसके साथ ही सूचना पाते रहने के लिए एक खुफिया अधिकारियों की अतिरिक्त टीम को नियुक्त किया जा रहा है। जिसे केंद्र सरकार ने सेट-अप स्थापित करने के लिए प्रस्तावी एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जिसे बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट (बीआईपी) के नाम से जाना जाएगा।
चीन की बढ़ती गतिविधियों को ध्यान में रखकर प्रस्ताव को मंजूरी
इस प्रस्ताव को मंजूरी सीमा पर चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखकर दिया गया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लगातार विरोध को देखते हुए यह कदम उठाना बहुत ही जरुरी हो गया था। लद्दाख में भारतीय सेना और पीएलए के बीच जून 2020 से विरोध जारी है।
हर जगह तैनात होंगे सुरक्षा अधिकारी
एक रिपोर्ट के अनुसार इस मामले की पूरे जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि हर एक बीआईपी की सुरक्षा खुफिया ब्यूरो के चार-पांच अधिकारी करेंगे और उनकी सुरक्षा आईटीबीपी के जवान किया करेंगे और वहीं, बीआईपी में तैनात किए जाने वाले कर्मी सीमा पार की गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उच्च अधिकारियों और सरकार के साथ सभी अपडेट को साझा करेंगे।
सरकार की परियोजना की आढ़ में स्वीकृत राशि का खुलासा करने से इनकार
वहीं, सूत्र ने केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत राशि का खुलासा करने से इनकार करते हुए उसने सरकार की परियोजना की संवेदनशील प्रकृति का हवाला देना शुरु कर दिया। जानकारी के अनुसार इस प्रस्ताव की शुरुआत मागो की जाएगी और यह अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा के करीब का पहला गांव है। 2020 में गांव में एक ऑल-टेरेन मोटर रोड बनाई गई थी और यह रोड़ हर मौसम में खुली रहती है। बता दें, भारत-चीन सीमा पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपी की करीब 180 सीमा चौकियां हैं और 45 चौकियों की स्थापना को मंजूरी भी दे दी गई है।