Uttar Pradesh News: सरकारी अधिकारी कई बार ऐसा काम करते हैं जो समाज के दूसरे वर्ग के लोगों को लिए नजीर बन जाती है। ऐसे समय में जब सभी लोग अपने बच्चों को महंगे इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजते हैं, एक जिलाधिकारी ने ऐसा काम किया है जिसकी हर तरफ तारीफ की जा रही है। उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले की डीएम ने अपने सवा 2 साल के बेटे का एडमिशन आंगनवाड़ी केंद्र में कराया है। यह मिसाल पेश करने वाली जिलाधिकारी का नाम है अर्चना वर्मा। उनके बच्चे का नाम है अभिजीत।
जिलाधिकारी के इस कदम से दूसरे लोग भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं। यह उन अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी एक अच्छा संदेश है जो अपने बच्चों को महंगे प्राइवेट स्कूलों में भेजते हैं, क्योंकि आमतौर पर यह धारणा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठीक से नहीं होती है और काफी हद तक यह सच भी है।
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समाज को दिया एक मैसेज
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ओमप्रकाशी ने इसपर कहा कि, डीएम के बेटे के आंगनवाड़ी केंद्र में दाखिले की वजह से यहां बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि वह तीन महीने से रोज पढ़ने आ रहा है, अब पता चला है कि वह डीएम का बेटा है। वहीं डीपीओ धीरेंद्र उपाध्याय ने इसपर कहा कि जिलाधिकारी ने ऐसा करके समाज को यह मैसेज दिया है कि सरकारी स्कूलों में भी पढ़ाई होती है। वहां के तमाम लोग डीएम के इस कदम को काबिले तारीफ बता रहे हैं।
मीड डे मील में करता है भोजन
वहीं आंगनवाड़ी केंद्र में डीएम का बच्चा गांव के बच्चों के साथ ही खेलता है और खाना खाता है। वह मिड डे मील का भोजन करता है। डीएम के बच्चे के साथ भी दूसरे सभी बच्चों की तरह ही व्यवहार किया जाता है। सरकारी स्कूल में पढ़ रहे डीएम के बच्चे की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
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