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हरियाणा ने छीन ली कांग्रेस की पावर! सहयोगियों ने उठाए सवाल, महाराष्ट्र-झारखंड में दिखेगा असर

Haryana Results 2024 Analysis: हरियाणा के नतीजों के बाद कांग्रेस की स्ट्रैटजी पर इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने सवाल उठाए हैं। केजरीवाल ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर निशाना साधा है। शिवसेना (उद्धव) ने तो साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ सीधी लड़ाई में कांग्रेस कमजोर पड़ जाती है। महाराष्ट्र और झारखंड की चुनावी लड़ाई से पहले कांग्रेस को कई सवालों के जवाब देने होंगे।

Edited By : Nandlal Sharma | Updated: Oct 9, 2024 08:57
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Priyanka And Rahul Gandhi
महाराष्ट्र और झारखंड की चुनावी लड़ाई से पहले कांग्रेस को कई सवालों के जवाब तलाशने होंगे। फाइल फोटो (ANI)

Haryana Assembly Election Results 2024: हरियाणा में कांग्रेस की हार ने पार्टी के हाथों से एक बड़ी शक्ति छीन ली है। इंडिया गठबंधन में सहयोगियों ने कांग्रेस की रणनीति और क्षमता पर सवाल उठा दिए हैं। जम्मू-कश्मीर के साथ हरियाणा में कांग्रेस का प्रदर्शन अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहा है। जम्मू और कश्मीर के नतीजे को देखें तो साफ है कि कांग्रेस को राज्य की राजनीति में लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन हरियाणा ने यह दिखाया है कि पार्टी बीजेपी के सामने सीधी लड़ाई में हार जाती है।

महाराष्ट्र के साथ 3 राज्यों में दिखेगा असर

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की हार का असर आने वाले विधानसभा चुनावों में भी दिखेगा। महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में कांग्रेस को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सहयोगियों के साथ मोलभाव कठिन हो सकता है। जम्मू कश्मीर में कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस की जूनियर पार्टनर बनकर चुनाव लड़ी। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 51 में से 42 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ी और सिर्फ 6 सीटें जीत पाई है।

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हरियाणा में कांग्रेस को बीजेपी से सीधी लड़ाई में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद करारी मात मिली है। पार्टी मध्य प्रदेश में 15 साल की सत्ता विरोधी लहर को नहीं भुना पाई तो हरियाणा में पार्टी 10 साल की सत्ता विरोधी लहर के बावजूद नहीं जीत पाई।

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सहयोगियों ने उठाए सवाल

हरियाणा की हार के बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस को अपनी स्ट्रैटजी पर फिर से सोचने की जरूरत है। बीजेपी के साथ सीधी लड़ाई में पार्टी कमजोर पड़ जाती है। ऐसा क्यों होता है। पूरे गठबंधन पर फिर से काम करने की जरूरत है। महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस की सहयोगी पार्टनर है। लोकसभा चुनावों में 99 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस इंडिया ब्लॉक में खुद को बड़े भाई के तौर पर प्रोजेक्ट करने लगी थी। हरियाणा से उसका ये भ्रम टूटेगा।

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केजरीवाल ने बिना नाम लिए साधा निशाना

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 8 अक्टूबर को चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस का सीधे तौर पर जिक्र किए बिना कहा कि किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। केजरीवाल ने एमसीडी पार्षदों को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा का चुनावी परिणाम देखिए। वहां क्या हुआ है। इस परिणाम का सबसे बड़ा सबक ये है कि किसी को भी अति आत्म विश्वास का शिकार नहीं होना चाहिए।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में थे, लेकिन स्थानीय नेताओं ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन का विरोध किया। नतीजा ये हुआ कि गठबंधन हुआ ही नहीं।

दिल्ली के लिए कांग्रेस का प्लान

दिल्ली में कांग्रेस ने अक्टूबर के अंत से यात्रा का ऐलान किया है। देखना होगा कि आम आदमी पार्टी के साथ उसका गठबंधन होता है कि नहीं। पंजाब और हरियाणा में दोनों पार्टियों अलग-अलग लड़ी हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव में गठबंधन हुआ था। हरियाणा की हार ने कांग्रेस को कई जख्म दिए हैं। पार्टी के लिए नई ऊर्जा के साथ अगली लड़ाई के लिए तैयार होने से पहले कई सवालों के जवाब ढूंढ़ने होंगे।

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Written By

Nandlal Sharma

First published on: Oct 09, 2024 08:57 AM

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