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प्राइवेट हज क्या? कितना आता है खर्च, जानें इसे लेकर भारत में क्यों बढ़ी टेंशन

भारत के निजी हज कोटे में अचानक 80 प्रतिशत कटौती का ऐलान कर दिया गया। सऊदी अरब के इस ऐलान के बाद से भारत समेत कई मुस्लिम देशों में इसकी चर्चा होने लगी। भारत में कई नेताओं ने इस मामले में सरकार से दखलअंदाजी करने की अपील भी की है।

Author Edited By : Shabnaz Updated: Apr 15, 2025 07:48
What is Private Hajj

इस साल हज 4 जून से 9 जून 2025 के बीच शुरू होने की संभावना है, जो कि चांद के दिखने पर निर्भर करता है, जो इस्लामी कैलेंडर के आखिरी महीने, जिल-हज्ज की शुरुआत का संकेत देता है। इससे पहले ही हज पर जाने का सपना देख रहे लगभग 52,000 भारतीय हज यात्रियों को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि सऊदी अरब के एक फैसले से उनका भाग्य अनिश्चित हो गया है। दरअसल, सऊदी ने मीना में उन क्षेत्रों को रद्द कर दिया है, जो पहले निजी टूर ऑपरेटरों को आवंटित किए गए थे। इसके बाद से अब हज के दौरान ‘प्राइवेट हज’ नहीं कर पाएंगे। जानिए यह प्राइवेट हज ‘हज कमेटी’ द्वारा कराए जाने वाले हज से कैसे अलग है?

क्या है हज?

हज एक पवित्र तीर्थयात्रा है, जहां जाने का का हर मुसलमान का सपना होता है। हर मुसलमान के लिए अपने जीवन में कम से कम एक बार हज करने की बात कही गई है। यह इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक होता है। हर साल दुनिया भर से लाखों मुसलमान सऊदी अरब में हज के लिए जाते हैं। इस साल हज ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 4 जून से 9 जून 2025 के बीच होने की उम्मीद है। दरअसल, हज की शुरुआत भी चांद के दिखने पर निर्भर करता है।

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हज में कितना खर्च?

हज कमेटी के द्वारा किया जाने वाले हज में करीब 5 लाख (एक शख्स का) तक का खर्च आता है। कोविड से पहले तक इसका खर्च कम था, लेकिन इसके बाद से खर्च में बढ़ोतरी कर दी गई। इस हज का आयोजन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के तहत काम करने वाली हज कमेटी करती है। वही, लोगों के फॉर्म भरवाती है और यात्रा से पहले उनको खास तरह की ट्रेनिंग का भी आयोजन कमेटी द्वारा किया जाता है।

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Hajj quota

फोटो क्रेडिट- फ्रीपिक

कैसे आता है नंबर?

जो लोग हज पर जाना चाहते हैं, उनके लिए पहले से ही रजिस्ट्रेशन फॉर्म निकाल दिए जाते हैं। चूंकि, हज पर जाने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा होती है, जिसके चलते हर किसी का सेलेक्शन नहीं हो पाता है। कुछ ही खुशनसीब लोग होते हैं, जिनको पहली बार में ही हज पर जाने का मौका मिल जाता है। ज्यादातर लोग ग्रुप्स में रजिस्ट्रेशन करते हैं, ताकि वह सऊदी में एक ही जगह पर रह सकें, क्योंकि एक लिफाफे में जितने नाम होते हैं, उनमें से ज्यादातर के लिए रहने की सुविधा एक ही जगह पर कर दी जाती है।

करना होता है रजिस्ट्रेशन

अगर रजिस्ट्रेशन में नंबर आ जाता है, तो उसके बाद दो हिस्सों में पैसे जमा करने का ऑप्शन दिया जाता है। अभी एक शख्स का लगभग 5 लाख तक का खर्च आता है। इसमें वहां पर रहने का इंतजाम किया जाता है। रही बात खाने की, तो ज्यादातर लोग अपने घर से ही आटा चावल लेकर जाते हैं। दिए गए कमरों में किचन की सुविधा दी जाती है, जिससे आराम से घर का बना खाना खा सकते हैं।

प्राइवेट हज क्या है?

हज पर जाने के लिए बहुत लोग कई सालों से रजिस्ट्रेशन कर रहे होते हैं, लेकिन उनका वहीं जाने का सपना पूरा नहीं हो पाता है। ऐसे ही लोगों के लिए इस साल जनवरी में भारत ने सऊदी अरब के साथ एक हज समझौता किया, जिसमें करीब 1,75,025 भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए हज का कोटा तय किया गया। वर्तमान में भारत में हज यात्रा भारतीय हज कमेटी कराती है, जो अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के तहत काम करती है। इसके अलावा, अधिकृत निजी टूर ऑपरेटरों द्वारा भी हज का आयोजन किया जाता है, जो एक हज आयोजक का समूह होता है। जो लोग हज कमेटी के बजाय निजी टूर ऑपरेटरों के जरिए हज पर जाते हैं, उसे प्राइवेट हज की श्रेणी में रखा जाता है।

फोटो क्रेडिट- फ्रीपिक

फोटो क्रेडिट- फ्रीपिक

प्राइवेट हज में कमेटी द्वारा कराए जाने वाले हज के मुकाबले अधिक खर्च आता है। इसके लिए एक शख्स को करीब 8 से 9 लाख रुपये तक खर्च करने होते हैं। बकरा ईद (Eid Al-Adha) से पहले सऊदी पहुंचकर हज के अरकान पूरे कर लेते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा, क्योंकि 80 फीसदी कोटा अब खत्म कर दिया गया है, जिसके चलते केवल 20 फीसदी लोग ही प्राइवेट हज कर पाएंगे।

क्यों खत्म हुआ कोटा?

कोटा खत्म करने को लेकर एक परिपत्र जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि पहले से बुक किए गए निजी कोटे में से केवल 20 फीसदी लोगों को ही हज पर जाने का मौका मिलेगा। इसका मतलब यह है कि कंबाइंड हज ग्रुप ऑर्गनाइजर्स (CHGO) के तहत रजिस्टर्ड 80 फीसदी लोग हज 2025 पर नहीं जा सकते हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने इसके लिए निजी टूर ऑपरेटरों को ही जिम्मेदार ठहराया है। दरअसल, भुगतान में देरी हुई और सेवा समझौतों को अंतिम रूप न दिए जाने के चलते सऊदी अधिकारियों ने मीना जोन 1 और 2 को रद्द कर दिया। इस दोनों जोन को CHGO को आवंटित किया गया था।

भारतीय नेताओं का क्या कहना है?

कोटा रद्द होने के बाद इसको लेकर महबूबा मुफ्ती ने भी एक्स पर पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘सऊदी अरब से परेशान करने वाली खबर आई है। भारत के निजी हज कोटे में 80 फीसदी तक अचानक कटौती कर दी गई है। इस अचानक फैसले से देश भर के तीर्थयात्रियों और टूर ऑपरेटरों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।’ उन्होंने इस दौरान विदेश मंत्रालय से अपील करते हुए कहा कि ‘वह सऊदी सरकार के साथ इस मामले को उठाकर तुरंत हस्तक्षेप करें।’

फोटो क्रेडिट- फ्रीपिक

फोटो क्रेडिट- फ्रीपिक

इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि ‘मैं विदेश मंत्री एस. जयशंकर से आग्रह करता हूँ कि वे प्रभावित हुए तीर्थयात्रियों के हित में कोई समाधान निकालें, जिसके लिए वह जल्द से जल्द सऊदी अधिकारियों से संपर्क करें।

2024 में हुई थीं हजारों मौतें

हर साल हज पर लाखों लोग जाते हैं, पिछले साल भी लाखों लोगों ने हज किया। हालांकि, भीषण गर्मी के चलते वहां पर 1300 से अधिक लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट्स सामने आईं, जिसमें कहा गया कि मिरने वालों में से ज्यादातर लोगों के पास आधिकारिक हज परमिट नहीं था। उस समय वहां का तापमान 51.88 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। पिछले साल करीब 18 लाख लोग हज करने के लिए पहुंचे थे। हज के दौरान यात्रियों का ज्यादातर समय बाहर हज के अरकान पूरे करने में जाता है। भीषण गर्मी के चलते इन लोगों की मौत हुई थी।

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Shabnaz

First published on: Apr 15, 2025 07:44 AM

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