Jammu Kashmir Lok Sabha Election 2024 (आसिफ सुहाफ) : जम्मू कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों में सबसे हाई प्रोफाइल सीट अनंतनाग राजौरी है। इस सीट को लेकर इंडिया गठबंधन में शामिल नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी दोनों पार्टियां अलग-अलग हो गईं। इस सीट पर दो पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद और महबूबा मुफ्ती आमने-सामने थे, लेकिन बाद में आजाद ने अपना नामांकन वापस ले लिया। पीडीपी से महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस से मियां अल्ताफ और अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच मुकाबला होगा।
अनंतनाग का लाल चौक चुनावी रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है। महबूबा मुफ्ती अपने समर्थकों के साथ उत्साह से भरी हैं और बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी मां के साथ खड़ी हैं तो मियां अल्ताफ के साथ खुद उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस के नेता गुलाम अहमद मीर नामांकन में मौजूद रहे। जफर इकबाल मन्हास भी सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हैं।
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चुनाव का न करें बॉयकॉट : महबूबा मुफ्ती
नामांकन दाखिल करने के बाद महबूबा मुफ्ती ने लोगों से अपील की है कि वह इस चुनाव का बॉयकॉट न करें और भारी तादात में मतदान करें, ताकि लोगों की आवाज लोकसभा में उठाने वाले प्रत्याशी जीत कर संसद पहुंच सके। उन्होंने कहा कि यह लोकसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर में सड़क, बिजली और पानी के लिए नहीं है, बल्कि धारा 370 को वापस हासिल करने की लड़ाई में एक कदम है।
उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर साधा निशाना
मियां अल्ताफ के नामांकन के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि मियां अल्ताफ जीतेंगे। उन्होंने कश्मीर की तीन सीटों पर उम्मीदवार न उतारने को लेकर कहा कि वे (बीजेपी) कश्मीर में अपने Proxies को समर्थन दे रहे हैं। वहीं, अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी के प्रत्याशी जफर इकबाल मन्हास ने नामांकन के दौरान रोड शो किया।
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आजाद ने नामांकन लिया वापस
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के चीफ गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की। DPAP ने इस सीट से वकील मुजफ्फर अहमद को चुनावी मैदान में उतारा है। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीट से नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी जीते थे और महबूबा मुफ्ती को हार का सामना करना पड़ा था।