भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है कि वह अपना आधिकारिक आवास खाली नहीं कर रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय प्रशासन ने पत्र लिखकर केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बंगला खाली कराया जाए। हालांकि, सवाल यह उठ रहा था कि आखिरकार भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ बंगला खाली क्यों नहीं कर रहे हैं? उन्होंने खुद इस पर सफाई दी है।
बंगला नहीं खाली करने पर बोले पूर्व सीजेआई
बंगला न खाली होने पर पूर्व सीजेआई ने कहा कि भारत के वर्तमान वरिष्ठतम न्यायाधीश संजीव खन्ना ने उन्हें अप्रैल तक विस्तार दिया था और उसके बाद उन्होंने अपनी बड़ी बेटी की वजह से एक और विस्तार मांगा। उन्होंने अपनी बेटियों के स्वास्थ्य का हवाला दिया, जिनके लिए मौजूदा निवास में “आईसीयू जैसा सेटअप” बनाया गया है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने मुझे अप्रैल तक विस्तार दिया। अप्रैल के अंत में मैंने न्यायमूर्ति खन्ना को जून तक विस्तार देने के लिए पत्र लिखा। सरकार से किराए पर एक अस्थायी आवास आवंटित करने का आग्रह किया है और आवश्यक मरम्मत पूरी होते ही मैं वहां चला जाऊंगा।”
पूर्व CJI ने बताई वजह
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “हम एक खास घर की तलाश कर रहे थे क्योंकि हमारी बेटियां विशेष जरूरतों वाली हैं। हमने अपनी बड़ी बेटी के लिए आईसीयू जैसा सेटअप बनाया है और इसलिए हमारी जरूरतों के हिसाब से घर खोजना मुश्किल है।” इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें जो सरकारी आवास आवंटित किया गया है, उसमें काफी मरम्मत की आवश्यकता है। जैसे ही मरम्मत का काम पूरा होगा, वह वहां शिफ्ट हो जाएंगे।
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इतना ही नहीं, पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “हमारी पैकिंग पूरी हो चुकी है। हमारा आवास तैयार होते ही अगले दिन हम वहां चले जाएंगे।” सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान में 33 जज हैं, जिनमें से चार जजों को अभी तक सरकारी आवास आवंटित नहीं किया गया है। उनमें से तीन सुप्रीम कोर्ट के ट्रांजिट अपार्टमेंट में रह रहे हैं, जबकि एक स्टेट गेस्ट हाउस में रह रहे हैं। बता दें कि कृष्ण मेनन मार्ग पर बना बंगला मुख्य न्यायाधीश का आधिकारिक आवास है। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 को ही सेवानिवृत्त हुए हैं।