रूस से तेल खरीदने के मामले पर भारत के विदेशमंत्री जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत रूस से सबसे ज्यादा तेल नहीं खरीदता है। इसका सबसे बड़ा खरीदार चीन है। कहा कि भारत अमेरिका से भी तेल खरीदता है। यह मात्रा बढ़ी भी है। विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर इस समय रूस दौरे पर हैं। मॉस्को में एक प्रेस वार्ता के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने जानकारी दी।
रूसी सेना में भारतीय का उठा मुद्दा
मॉस्को में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि मैंने रूसी सेना में कार्यरत भारतीयों का मुद्दा उठाया। हालांकि कई लोगों को रिहा कर दिया गया है। फिर भी कुछ मामले लंबित हैं, जिनमें कुछ लापता हैं। हमें उम्मीद है कि रूसी पक्ष इस मुद्दे को शीघ्रता से सुलझाएगा।
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‘हम वह देश नहीं…’
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हम वह देश नहीं हैं जिसका 2022 के बाद रूस के साथ व्यापार में सबसे बड़ा उछाल आया। मुझे लगता है कि दक्षिण में कुछ देश हैं। कहा कि हम एक ऐसा देश हैं जहां पिछले कुछ सालों से अमेरिकी कह रहा है कि हमें विश्व ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए, जिसमें रूस से तेल खरीदना भी शामिल है।
जयशंकर ने किया दूसरे विश्वयुद्ध का जिक्र
मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री लावरोव के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत और रूस के बीच दुनिया के प्रमुख संबंधों में सबसे स्थिर संबंध रहे हैं। कहा कि क्षेत्रीय मुद्दों पर, हमने यूक्रेन, पश्चिम एशिया, मध्य पूर्व और अफगानिस्तान के घटनाक्रमों पर चर्चा की। भारत का दृष्टिकोण मतभेदों को सुलझाने के लिए आवश्यक बातचीत और कूटनीति पर जोर देना जारी रखता है।
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