Flat Booking Rules: हाल ही में नोएडा के आम्रपाली प्रोजेक्ट के फ्लैटों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया। जिसमें कोर्ट ने उन लोगों की बुकिंग रद्द करने का आदेश दिया जिन्होंने अभी तक फ्लैट पर कब्जा नहीं लिया था। अब इन फ्लैट्स को किसी और को बेचने को कहा गया है। लेकिन ज्यादातर बुकिंग का अमाउंट नॉन रिफंडेबल होता है, यानी बुकिंग कैंसिल होती है तो उसका पैसा वापस नहीं किया जाता है। बुकिंग कैंसिल करने के एक मामले पर महाराष्ट्र रेरा ने फैसला सुनाया, जिसमें बताया गया कि बुकिंग की कितनी राशि जब्त की जा सकती है।
कितनी होती है बुकिंग राशि
रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (RERA) के नियम के मुताबिक, बुकिंग राशि फ्लैट की कीमत के 10 प्रतिशत तक होती है। कई बार देखा जाता है कि फ्लैट बुक तो कर लिया जाता है, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते बुकिंग कैंसिल करनी पड़ती है। अब सवाल यह उठता है कि जमा की गई राशि आपको वापस मिल सकती है कि नहीं? महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (MahaRERA) ने इस तरह के एक मामले पर फैसला सुनाया है।
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क्या था मामला?
महाराष्ट्र रेरा के सामने एक मामला आया जिसमें एक शख्स ने 67 लाख के फ्लैट की बुकिंग की थी। जिसके लिए खरीदार ने 3 अप्रैल 2022 को 1 लाख का रुपये जमा किए। लेकिन वित्तीय परेशानियों के चलते उसने अपने फ्लैट की बुकिंग कैंसिल कर दी। बुकिंग के 45 दिनों के अंदर बाकी की राशि जमा करनी होती है, लेकिन वह उस बकाया राशि को जमा नहीं कर पाया। बुकिंग कैंसिल होने के बाद बिल्डर ने फ्लैट की बुकिंग राशि जब्त कर ली।
जमा राशि का 1 प्रतिशत रखे बिल्डर
डेवलपर ने महाराष्ट्र रेरा के सामने तर्क दिया कि बुकिंग के दौरान जो शर्तों थी उसके मुताबिक खरीदार ने इस नियम पर सहमति जताई थी। इस दलील को खारिज करते हुए महाराष्ट्र रेरा फैसला सुनाया कि डेवलपर शख्स की जमा की गई राशि में से फ्लैट की कीमत का 1 प्रतिशत अपने पास रखकर बाकी की राशि खरीदार को वापस करे। रेरा ने यह फैसला 2022 के एक आदेश का हवाला देते हुए सुनाया, जिसमें कोई खरीदार 45 दिनों के अंदर बुकिंग कैंसिल करता है तो उसकी बुकिंग का 1 प्रतिशत ही जब्त किया जा सकता है।
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