केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग बिल को पहली कानूनी चुनौती मिली है। बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ऑनलाइन गेमिंग कंपनी A23 ने इसे कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है। कंपनी ने तर्क दिया है कि कानूव यह रम्मी और पोकर जैसे वैध स्किल बेस्ड खेलों को अपराध बनाता है।
बता दें कि सभी के ऑनलाइन मनी गेम पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार ने संसद में ऑनलाइन गेमिंग बिल लाई थी। हाल में इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिल गई है। इसके बाद से ड्रीम 11, माय11 सर्कल, विंजो, जूपी, नाजारा जैसी कंपनियों पर संकट खड़ा हो गया है। सरकार का तर्क है कि इन प्लेटफॉर्म से आंतकियों की फंडिंग होती थी और पैसे डूबने से आम लोगों की जिदंगी बर्बाद होती है।
‘गेमिंग कंपनियां रातों रात बंद हो जाएंगी’
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अदालती दस्तावेज में रमी और पोकर गेम संचालित करने वाली A23 कंपनी ने कहा कि यह कानून स्किल बेस्ड ऑनलाइन गेम खेलने के वैध व्यवसाय को अपराध बनाता है, इससे कई गेमिंग कंपनियां रातोंरात बंद हो जाएंगी। A23 कंपनी ने कहा कि नया कानून राज्य की पितृसत्तावाद की उपज है। कंपनी ने मांग की है कि इस कानून को रम्मी और पोकर जैसे स्किल बेस्ड खेलों पर लागू होने पर असंवैधानिक घोषित किया जाए।
यह भी पढ़ें: Online Gaming Bill के बाद कैसे बनें ईस्पोर्ट्स प्लेयर? BGMI खेलकर कमा सकते हैं लाखों रूपये
ड्रीम 11 ने विरोध से किया किनारा
ड्रीम 11 के को फाउंडर ने नए कानूनी सह-संस्थापक हर्ष जैन ने एक इंटरव्यू में बताया कि कंपनी का नए कानून का विरोध करने की कोई योजना नहीं है। मुझे लगता है कि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अभी ऐसा नहीं चाहते। मैं अतीत में नहीं जीना चाहता। हम पूरी तरह से भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और सरकार से किसी ऐसी चीज पर नहीं लड़ना चाहते जो वे नहीं चाहते। जैन ने कहा था कि प्रतिबंध से प्रभावित होने के बावजूद वह छंटनी नहीं करेगा।
यह भी पढ़ें: अब बैन होंगे ड्रीम 11, MPL, बिंजो जैसे मनी गेम्स एप, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ऑनलाइन गेमिंग बिल बन गया कानून