First Hyderogen Train Latest Update: भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया युग शुरू होने जा रहा है। भारत में पहली हाइड्रोजन ट्रेन दौड़ने को तैयार है। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) के महाप्रबंधक सुब्बा राव ने इस ट्रेन पर ताजा जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि भारत में हाइड्रोजन ट्रेन का शुभारंभ होने वाला है।
डीजल से इलेक्ट्रिक इंजनों में परिवर्तन के बाद रेल मंत्रालय जल्द ही भारत में हाइड्रोजन-संचालित ट्रेनें शुरू करने की तैयारी कर रहा है। मार्च 2025 से ट्रेनें शुरू हो जाएंगी। इसके साथ ही भारतीय रेलवे एक नए युग में प्रवेश कर जाएगा। पहली हाइड्रोजन ट्रेन उत्तर रेलवे के दिल्ली डिवीजन को आवंटित की गई है। यह ट्रेन 89 किलोमीटर लंबे जींद-सोनीपत सेक्शन पर चलाई जाएगी।
Germany has launched the world’s first hydrogen train.
Emitting nothing but steam and water.
Has hit the tracks in Lower Saxony!
Great leap towards the future!---विज्ञापन---— Erik Solheim (@ErikSolheim) March 12, 2019
चेन्नई फैक्ट्री में बनाई जा रही है ट्रेन
उन्होंने बताया कि भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) द्वारा बनाई जा रही है। हाइड्रोजन ट्रेन से कार्बन उत्सर्जन न के बराबर होगा। ऐसे में यह ट्रेन हरित परिवहन प्रौद्योगिकी की दिशा में बड़ी फायदेमंद होगी। रेलवे ने 35 हाइड्रोजन ट्रेनों के लिए 2800 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
भारत का पहला हाइड्रोजन ट्रेनसेट 31 मार्च 2025 तक तैयार होने की उम्मीद है। भारत ने हाल ही में दुनिया में सबसे ज्यादा क्षमता वाला हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रेन इंजन बनाया है। ज्यादातर देशों ने 500 से 600 हॉर्सपावर (HP) की क्षमता वाली हाइड्रोजन ट्रेनें बनाई हैं, वहीं भारत ने 1200 हॉर्सपावर (HP) की क्षमता वाला इंजन बनाकर बड़ी सफलता हासिल की है और अब हाइड्रोजन ट्रेन दौड़ाकर करेगा।
Bravo!
This hydrogen-powered train emits only water. China’s 🇨🇳 first hydrogen fuel cell hybrid locomotive has begun a trial run in Inner Mongolia. Green hydrogen is critical energy for the future!— Erik Solheim (@ErikSolheim) November 1, 2021
जर्मनी-चीन बना चुके हाइड्रोजन ट्रेन
बता दें कि हाइड्रोजन ट्रेन में 8 पैसेंजर कोच होंगे, जिनमें 2500 से ज्यादा लोग सफर कर पाएंगे। 2 कोच हाइड्रोजन सिलेंडर के लिए भी होंगे। इस ट्रेन की स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसका डिजाइन लखनऊ के Research, Design and Standard Organisation ने तैयार किया है। हाइड्रोजन ट्रेन पर जर्मनी और चीन जैसे देश काम प्रयोग कर चुके हैं।
जर्मनी की कोराडिया आईलिंट हाइड्रोजन ट्रेन दुनिया की पहली पैसेंजर हाइड्रोजन ट्रेन है। यह ट्रेन शोर कम करती है। इससे भाप और पानी निकलता है। यह ट्रेन 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 1000 किलोमीट प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। साल 2018 से ही यह ट्रेन ट्रायल पर है, लेकिन अभी तक पूरी तरह रेलवे का हिस्सा नहीं बन पाई है। चीन ने भी हाल ही में एशिया की पहली हाइड्रोजन ट्रेन सर्विस शुरू की। सिंगल टैंक पर यह ट्रेन 600 किलोमीटर का सफर तय करती है। इसकी स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है।