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Explainer: वोटिंग के बाद ही क्यों जारी होता है Exit Poll, ओपिनियन पोल से कितना अलग?

Exit Poll Lok Sabha Election 2024: 1 जून की शाम को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान पूरा होने के बाद एग्जिट पोल जारी हो जाएंगे। इसके जरिए यह अनुमान लगाया जाता है कि मतदाताओं का रुझान आखिर किस ओर रहा। हालांकि, ये अनुमान कितने सही होते हैं इसका पता मतगणना के बाद असल चुनाव परिणाम के दिन ही सामने आता है। इस रिपोर्ट में जानिए एग्जिट पोल्स के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां।

Author Edited By : Gaurav Pandey Updated: May 30, 2024 17:47
exit polls
कैसे होता है एग्जिट पोल?

What Are Exit Polls : लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया 1 जून को सातवें यानी अंतिम चरण की वोटिंग के बाद संपन्न हो जाएगी। इसके बाद एग्जिट पोल जारी होंगे। विभिन्न एजेंसियों की ओर से जारी होने वाले इन एग्जिट पोल्स में यह अनुमान व्यक्त किया जाता है कि कौन सी पार्टी कितनी सीटें जीत रही है, कौन जीत की ओर बढ़ रहा है तो किसे हार मिल सकती है। हालांकि, अंतिम रिजल्ट भारतीय निर्वाचन आयोग की ओर से 4 जून को जारी किया जाएगा। इस रिपोर्ट में जानिए ओपिनियन पोल से ये कितने अलग हैं और इन्हें मतदान के बाद ही क्यों जारी किया जाता है।

एग्जिट पोल के जरिए चुनाव परिणाम को लेकर जताए गए अनुमान वोटिंग के बाद एजेंसियों द्वारा किए गए सर्वे से मिले मतदाताओं के फीडबैक पर आधारित होते हैं। इन्हें जारी करने के पीछे का कारण असल परिणाम आने से पहले जनता की भावनाओं को दिखाना होता है। बीते समय में इनकी सटीकता पर सवाल उठते रहे हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि हर बार ये अनुमान गलत होता है। साल 2019 के आम चुनाव में लगभग सभी एग्जिट पोल्स में भाजपा की वापसी की बात कही गई थी। यह सच भी साबित हुआ था। बता दें कि एग्जिट पोल सर्वे में केवल मतदाताओं से उनकी राय ली जाती है।

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ओपिनियम पोल और एग्जिट पोल में अंतर

ओपिनियन पोल भी चुनावी सर्वे ही होता है लेकिन दोनों में अंतर है। ओपिनियन पोल में सभी लोगों को शामिल किया जाता है जबकि एग्जिट पोल में केवल उन्हीं से फीडबैक लिया जाता है जिन्होंने वोट किया है। एग्जिट पोल में मुख्य फोकस इस पर रहता है कि किसे वोट दिया गया है या किस पार्टी के पक्ष में मतदाता है। वहीं, ओपिनियन पोल में सर्वे का फोकस विभिन्न मुद्दों पर जनता के मूड का अंदाजा लगाने पर होता है। इसमें यह पूछा जाता है कि जनता को कौन सी योजनाएं पसंद हैं और कौन सी नहीं। कौन सी पार्टी से लोग खुश हैं इसका अनुमान भी ओपिनियन पोल से लगाया जाता है।

मतदान के बाद ही क्यों आते हैं एग्जिट पोल

भारतीय निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार वोटिंग प्रोसेस के दौरान एग्जिट पोल नहीं कराए जा सके। लेकिन, अंतिम वोट पड़ने के आधे घंटे बाद एजेंसियों को एग्जिट पोल दिखाने की अनुमति होती है। इस लोकसभा चुनाव के लिए नियमों के अनुसार एग्जिट पोल का डाटा 1 जून को शाम 6.30 बजे से पहले प्रकाशित नहीं किया जा सकता। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126ए के अनुसार आखिरी चरण का मतदान खत्म होने के आधे घंटे बाद कर एग्जिट पोल पब्लिश करने पर प्रतिबंध होता है। नियम तोड़ने पर 2 साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों सजा हो सकती है।

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First published on: May 30, 2024 05:40 PM

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