Earthquake Tremors Why Occured: दुनियाभर के देश आए दिन भूकंप के झटके झेल रहे हैं। धरती पर भूकंप का खतरा मंडरा रहा है। पिछले साल धरती पर जितने भूकंप आए, इतने अब से पहले कभी नहीं आए। ऐसे में यह भूकंप किसी बड़े खतरे का संकेत हो सकते हैं। भारत, पाकिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान, नेपाल समेत दुनियाभर के देश भूकंप के झटके खा चुके हैं और खा रहे हैं। समुद्र के बीच बसे देशों और द्वीपों में भी साल 2024 में भूकंप से तबाही देखने को मिली। आज सुबह-सुबह भी नेपाल, भारत, बांग्लादेश, चीन, भूटान, तिब्बत देशों में भूकंप आया।
इस भूकंप की तीव्रता 5 से 7 के बीच रही। नेपाल में सबसे बड़ा भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 मापी गई। नेपाल में ही इस भूकंप का केंद्र मिला और इसी भूकंप की तरंगों से बाकी देश दहल गए। 7 से ज्यादा की तीव्रता वाला भूकंप तबाही मचाने के लिए काफी है, लेकिन अभी तक भूकंप से किसी तरह के जान माल के नुकसान की खबर नहीं है। इन सभी के बीच क्या आप जानते हैं कि भूकंप क्यों आता है? इसके पीछे की वजह क्या है? भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है और कितनी तीव्रता वाला भूकंप खतरा बन सकता है? आइए इन सभी के बारे में विस्तार से जानते हैं…
#Bihar: #Earthquake tremors were felt in several parts of Bihar, including Patna, Supaul, Araria, Sheohar, Siwan and other regions today. pic.twitter.com/W6tXaZHeE3
---विज्ञापन---— All India Radio News (@airnewsalerts) January 7, 2025
भूकंप के आने का कारण क्या है?
माना जाता है कि धरती की 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। इस दौरान इन प्लेट्स में घर्षण होता है और वे आपस में टकराती हैं। जहां प्लेट्स टकराती हैं, उस एरिया को जोन फॉल्ट लाइन कहते हैं। आपस में टकराने से प्लेट्स के किनारे मुड़ते हैं। दबाव बनने पर कई बार प्लेट्स टूट जाती हैं। इनके टूटने से जो तरंगें और ऊर्जा निकलती हैं, वे फैलती हैं तो धरती कांपती है। इसी कंपन को भूकंप कहते हैं। कंपन होने से कई बार धरती पर बनी चीजें हिल जाती हैं, गिरकर ध्वस्त हो जाती हैं। इससे जान माल का नुकसान होता है। भूकंप का केंद्र वह जगह होती है, जहां से प्लेट्स के टूटने पर तरंगें निकलती हैं। जहां से तरंगें निकलती हैं, वहां सबसे ज्यादा कंपन होता है। जैसे-जैसे तरंगें फैलती हैं, उनकी आवृत्ति कम होती जाती है। 40 किलोमीटर के दायरे में तरंगों की आवृत्ति सबसे ज्यादा होती है।
🚨 7.1-magnitude earthquake in Tibet close to the border with Nepal.
The tremors were felt across Delhi-NCR and various parts of North India. pic.twitter.com/OyxzgDcmxZ
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) January 7, 2025
भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
मिली जानकारी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहते हैं, जिसके स्तर एक से 9 तक होते हैँ। भूकंप को मापने के लिए इसका केंद्र (एपीसेंटर) देखा जाता है। जहां से तरंंगें निकलती हैं, वहां जितनी आवृत्ति होगी, वह भूकंप की तीव्रता कहलाएगी।
कितनी तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक?
- 2 से 2.9 की तीव्रता से हल्का कंपन
- 3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
- 4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
- 5 से 5.9 फर्नीचर हिल सकता है।
- 6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
- 7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
- 8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं। सुनामी का खतरा।
- 9 और उससे ज्यादा पूरी तबाही, कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी।