Donald Trump Tariffs: अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ के चलते तिरुप्पुर का धागा और बुनाई उद्योग गंभीर अनिश्चितता का सामना कर रहा है। स्थानीय बुनाई कारखानों में उत्पादन धीमा पड़ गया है और कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में हैं। उद्योग के लोगों का कहना है कि अधिकांश निर्यातक अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं और इस स्थिति के लगातार बने रहने से तिरुप्पुर के हजारों परिवारों की रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा।
तिरुप्पुर बुनाई उद्योग पर 50% अमेरिकी टैरिफ के नुकसान
उत्पादन में कमी
ट्रंप सरकार द्वारा लगाए गए टैरिफ के चलते बुनकरों को काफी नुकसान पहुंच रहा है। कारखानो में उत्पादन की कमी हो रहै है जिससे कई कर्मचारियों की नौकरी खतरे में हैं। तिरुप्पुर में लाखों लोग बुनकरों का काम करते हैं और कपड़ा उद्योगों में काम करते हैं। टैरिफ वृद्धि से कर्मचारियों की नौकरी अस्थायी या स्थायी रूप से खतरे में पड़ सकती है।
इतना ही नहीं कपड़ा मिल के मालिकों के मुताबिक, अमेरिकी टैरिफ की वजह से अब निर्यात बोझ बन गया है। यहां के अधिकांश निर्यात्क अमेरिकी बाजारों पर निर्भर हैं। कई ऑर्डर में गिरावट हुई है तो कुछ लोगों से छूट की मांग की गई है, जिसकी वजह से निर्यातकों की आमदनी पर असर हुआ है।
#WATCH | Tiruppur, Tamil Nadu | The thread and knitting industry faces uncertainty due to the 50% tariffs imposed by the US pic.twitter.com/iibng7w4FI
— ANI (@ANI) September 2, 2025
औद्योगिक नुकसान की संभावनाएं तेज
तिरुप्पुर का अमेरिका को वार्षिक निर्यात लगभग 15,000 करोड़ रुपये का है। इस टैरिफ से पूरे निर्यात क्षेत्र और उससे जुड़े परिवारों की आजीविका प्रभावित हो सकती है। हालांकि, तिरुप्पुर निर्यातक और निर्माता संघ ने मुख्यमंत्री से केंद्र सरकार से कूटनीतिक या नीति उपायों के माध्यम से टैरिफ वृद्धि के प्रभाव को कम करने की अपील की है।
सरकार की मदद जरूरी
सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि केंद्र और राज्य मिलकर इस संकट के समाधान के लिए कदम उठाएं। इसमें वित्तीय सहायता, ब्याज मुक्त ऋण और नए निर्यात बाजारों की तलाश जैसे उपाय शामिल हो सकते हैं। इससे तिरुप्पुर के हजारों परिवारों की रोजी-रोटी को सुरक्षित किया जा सकेगा और उद्योग की स्थिरता बनी रहेगी।
ये भी पढ़ें- ‘हमारे रिश्ते बहुत अच्छे’, भारत के साथ संबंध को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का एक और बयान