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नियम तोड़ने वाली कंपनियों पर लगेगा भयंकर जुर्माना, जानें क्या है डेटा प्रोटेक्शन बिल, जो लोकसभा से हुआ पास?

Data Protection Bill: मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में सोमवार को ध्वनि मत से डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 पास हो गया। इस विधेयक को 3 अगस्त को इलेक्ट्रॉनिस्ट और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में पेश किया था। राज्यसभा में विधेयक पास होने पर यह कानून बन जाएगा। कानून […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Aug 8, 2023 12:40
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Data Protection Bill

Data Protection Bill: मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में सोमवार को ध्वनि मत से डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 पास हो गया। इस विधेयक को 3 अगस्त को इलेक्ट्रॉनिस्ट और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में पेश किया था। राज्यसभा में विधेयक पास होने पर यह कानून बन जाएगा। कानून बना तो डेटा लीक होने पर कंपनियों पर 250 करोड़ रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। केंद्र सरकार ने इस विधेयक को लाने के पीछे तर्क दिया है कि वह भारतीयों के डेटा की गोपनीयता की रक्षा करना चाहती है।

मंत्री ने कहा- विपक्ष को लोगों की चिंता नहीं

लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों को सार्वजनिक कल्याण और व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा जैसे मामलों के बारे में चिंता नहीं है। इसलिए वे कार्यवाही के दौरान नारे लगा रहे हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने छह साल पहले निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया था। इस विधेयक में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा व्यक्तियों के डेटा के दुरुपयोग को रोकने के प्रावधान हैं।

क्या है डेटा प्रोटेक्शन बिल?

डेटा प्रोटेक्शन बिल के लागू होने के बाद यदि किसी कंपनी या संस्थान नियम तोड़ता है तो उस पर 250 करोड़ तक का जुर्माना लग सकता है। इस कानून के तहत लोगों को अपना डेटा, स्टोरेज और इसकी प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी मांगने का हक मिलेगा।

 

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ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड पर लागू होगा नियम

यह विधेयक भारत के भीतर डिजिटल डेटा के प्रोसेस पर लागू होगा, जहां ऑनलाइन या ऑफलाइन डेटा जुटाया जाता है। यह भारत के बाहर ऐसे प्रोसेस पर भी लागू होगा, यदि यह भारत में व्यक्तियों को सामान या सेवाएं प्रदान करने के लिए है।व्यक्तिगत डेटा को किसी व्यक्ति की सहमति पर केवल वैध उद्देश्य के लिए प्रोसेस किया जा सकता है।

बिना सहमति के नहीं जुटा पाएंगे डेटा

इस विधेयक से सोशल मीडिया कंपनियों की मनमानी पर रोक लगेगी। जब कोई कंपनी किसी व्यक्ति की निजी जानकारी को जुटाना चाहेगी तो उसे संबंधित व्यक्ति से मंजूरी लेनी होगी। बच्चों के डेटा और अभिभावकों के साथ शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के डेटा को अभिभावकों की सहमति के बाद प्रोसेस किया जाना चाहिए।

सरकार बनाएगी बोर्ड

केंद्र सरकार भारतीय डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना करेगी। बोर्ड के सदस्यों को दो साल की अवधि के लिए नियुक्त किया जाएगा, जिसमें पुनर्नियुक्ति का विकल्प भी होगा।

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Written By

Bhola Sharma

Edited By

rahul solanki

First published on: Aug 07, 2023 08:50 PM

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