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चीन-पाकिस्तान की उड़ेगी नींद, भारत ने स्क्रैमजेट इंजन का सफलतापूर्वक किया परीक्षण, जानें क्यों है खास

डीआरडीओ पड़ोसी देशों के बढ़ते खतरों को लेकर उन्हें सबक सिखाने के लिए भारत के रक्षा क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है। इसी कड़ी में स्क्रैमजेट इंजन के सफल जमीनी परीक्षण ने हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक में भारत को आगे बढ़ाया है। यह परीक्षण पड़ोसी देशों को बड़ा संदेश है। हाइपरसोनिक मिसाइलों की नेक्स्ट जेनरेशन के लिए यह टेस्ट क्यों खास है? क्या होती है हाइपरसोनिक तकनीक? यहां जानिए सबकुछ।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 25, 2025 21:42
hypersonic missile india

भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गया है। हाइपरसोनिक तकनीक जितनी ज्यादा डेवलप होगी मिसाइल उतनी ही उन्नत और अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगी। ऐसी मिसाइलों की भविष्य में कितनी अहमियत होगी, इसे समझते हुए भारत लगातार इस दिशा में काम कर रहा है। इसी कड़ी में अगली पीढ़ी के स्टेशन हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत ने स्क्रैमजेट इंजन का 1,000 सेकंड से अधिक समय तक सफलतापूर्वक जमीनी परीक्षण किया है। सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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इससे पहले भी DRDO ने किया था सफल परीक्षण

इससे पहले भी डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन) ने इस साल जनवरी महीने में स्क्रैमजेट इंजन का सफल जमीनी परीक्षण किया था। इस उपलब्धि को देश की डिफेंस मिनिस्ट्री ने बड़ी उपलब्धि बताया था। इस उपलब्धि पर रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि भारत, चीन, रूस और अमेरिका सहित कई देश अपनी ताकत बढ़ाने के लिए इस हाइपरसोनिक तकनीक पर काम कर रहे हैं। उस समय स्क्रैमजेट इंजन का 120 सेकंड तक सफलतापूर्वक जमीनी परीक्षण किया गया था। ऐसा देश में पहली बार हुआ था।

स्क्रैमजेट इंजन की क्या है खासियत?

बता दें कि हाइपरसोनिक मिसाइलों की गति ध्वनि की रफ्तार से भी 5 गुना या 5400 किमी/घंटा होती है। यह सफल टेस्ट हाइपरसोनिक मिसाइलों के मिशनों को डेवलप करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। हाइपरसोनिक मिसाइलों की कुंजी स्क्रैमजेट है। स्क्रैमजेट कंबस्टर में एक फ्लैम स्टे​बलाइजेशन टैकनीक का उपयोग होता है। स्क्रैमजेट इंजन की खासियत यह है कि यह हवा में घुली ऑक्सीजन का उपयोग करते हुए सुपरसोनिक गति पर फ्यूल को जलाने में सक्षम हैं। इनमें कोई मूविंग पार्ट्स नहीं होते। स्क्रैमजेट इंजन में टेस्ट के दौरान कई उपलब्धियां दिखाई दीं, जैसे सफल इग्निशन और स्थिर कम्बशन। स्क्रैमजेट इंजन में इग्निशन ‘तूफान में मोमबत्ती जलाए रखने’ जैसा है।

देश के लिए क्यों है अहम?

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, DRDO ने लंबी अवधि के सुपरसोनिक कंबस्टर, स्क्रैमजेट से संचालित होने वाली हाइपरसोनिक तकनीक को डेवलप करने में सफलता पाई है। ये सफल टेस्ट हाइपरसोनिक मिसाइल की नेक्स्ट जनरेशन को विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम है। हाइपरसोनिक मिसाइलें इतनी तेज गति से उड़ती हैं कि यह एयर डिफेंस सिस्टम से बचने में पूरी तरह सक्षम होती हैं। न्यूक्लियर हथियार या पारंपरिक हथियार को अपने साथ कैरी करने के लिए इस मिसाइल को डिजाइन किया गया है। इसमें अपना रास्ता बदलने की महारत हासिल है।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: Apr 25, 2025 08:35 PM

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